ख़बरिस्तान नेटवर्क, जालंधर : जालंधर सिटी में नेशनल हाईवे अथॉरिटी की तरफ से तीन बढ़े प्रोजेक्ट तैयार किए जा रहे हैं। सिटी के चारों तरफ नई रोड तैयार की जानी है। जिसके लिए पिछले कई सालों के जमीन एक्वायर करने और किसानों को पैसे देने का काम चल रहा है।
जालंधर बाईपास और अमृतसर ग्रीनफील्ड का काम
6 महीने पहले प्रशासनिक अधिकारियों ने NHAI को कब्जा दिलाने का दावा किया था। लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि किसान अभी भी अपनी जमीनों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है और जमीनों के अधिक मूल्य पर अड़े हुए हैं। जिस कारण एनएचएआई के दो बड़े प्रोजेक्ट अधर में लटकते नजर आ रहे हैं। 4400 करोड़ की लागत से दिल्ली कटरा एक्सप्रेस-वे, जालंधर बाईपास और अमृतसर ग्रीनफील्ड का काम किया जाना है।
किसानों ने जमीनों पर फसलों को नहीं उगाया दोबारा
जिसमें दिल्ली कटरा एक्सप्रेस-वे और जालंधर बायपास का काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने 6 महीने पहले कब्जा मिलने के बाद शुरु कर दिया गया। लेकिन केवल उन गांवों में ही एनएचएआई काम कर रही है। जहां किसानों ने अपनी जमीनों पर फसलों को दोबारा से नहीं उगाया। जहां एनएचएआई की तरफ से केवल कंक्रीट के ब्लॉक बनाने और अलाइनमेंट का ही काम किया जा रहा है।
मुआवजा देने के लिए आर्बिट्रेटर बिठाए
जब NHAI को किसानों ने जमीन देने से मना कर दिया तो प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से आर्बिट्रेटर बिठा दिए गए। जो किसानों को उनकी जमीन का उचित मूल्य दिलवा रहे हैं। यानि जो किसान सरकार की तरफ से तय की कई जमीन की रकम को लेकर नाखुश है। उसे बढ़ा कर दिया भी जा रहा है। लेकिन काफी किसान ऐसे हैं। जो आज भी जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। इससे एनएचएआई के प्रोजेक्ट में बढ़ी बाधा पैदा हो सकती है। इस बारे में एनएचएआई ने प्रशासनिक अधिकारियों को भी जानकारी दी है।
जालंधर सिटी के हिस्से में फिल्लौर से करेगी प्रवेश
650 किलोमीटर में 47 किलोमीटर का हिस्सा जालंधर से गुजरेगानेशनल हाइवे अथॉरिटी का पहला प्रोजेक्ट दिल्ली-अमृतसर-जम्मू-कटरा एक्सप्रेस वे है। यह 4 लेन की नई रोड 650 किलोमीटर लंबी है, लेकिन जालंधर सिटी के हिस्से में फिल्लौर से प्रवेश करेगी और पूरे जिले को कवर करके नकोदर से क्रॉस करके कपूरथला में प्रवेश कर जाएगी। NHAI ने दिल्ली कटरा एक्सप्रेस-वे का काम 2023 में पूरा करना था, लेकिन पूरी जमीन अधिग्रहण न होने और कब्जा न मिलने के कारण प्रोजेक्ट 2025 में खत्म करने का टारगेट तय किया जा चुका है।
17 कंपनियां इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगी
दिल्ली कटरा एक्सप्रेस-वे और जालंधर बायपास प्रोजेक्ट का पूरा करने के लिए 17 कंपनियां काम कर रही हैं। जिन्हें जालंधर जिले के अलग अलग हिस्सों में तैयार होने वाले हाईवे का काम सौंपा गया है। जालंधर में कंक्रीट के ब्लॉक बनाने, अलाइनमेंट व बाकी प्राथमिक काम शुरू हो चुके हैं। इसी के साथ जालंधर रिंग रोड का प्रोजेक्ट भी शुरू हो चुका है, जो 41 किलोमीटर लंबी होगी।
जालंधर सिटी के भीतर करीब 47 किलोमीटर
47 किलोमीटर लंबी रोड का तैयार करने का काम फिल्लौर के पास से शुरु होगा। जहां से जालंधर में ट्रैफिक प्रवेश करेगा और हाईवे से होता बाहर निकल जाएगा। काला संघिया और करतारपुर के पास प्लांट लगाए गए हैं। ये हाइवे हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब और जम्मू-कश्मीर, अंबाला, चंडीगढ़, मोहाली, संगरूर, पटियाला, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला, कठुआ और सांबा जैसे प्रमुख आर्थिक केंद्रों से जुड़ेगा। ये हाइवे जालंधर सिटी के अंदर करीब 47 किलोमीटर है। ये हाईवे जालंधर-भोगपुर, जालंधर-अमृतसर, जालंधर-लुधियाना हाइवे, जालंधर-होशियारपुर हाइवे को आपस में जोड़ने का काम भी करेगा। ये नकोदर में कंग साबू के पास आकर जालंधर से कपूरथला में प्रवेश करेगा। इसके लिए कपूरथला के हिस्से की जमीन ली जा रही है। इस प्रोजेक्ट का पूरा रूट तैयार है।