6 अगस्त 1945 की सुबह। मारियाना द्वीप से उड़ान भरकर अमेरिकी बमवर्षक विमान ‘एलोना गे’ जापान के शहर हिरोशिमा के ऊपर पहुंच चुका था। ठीक सवा आठ बजे इस विमान से इतिहास का पहला परमाणु बम गिरा दिया गया। 43 सेकेंड हवा में रहने के बाद ‘लिटिल ब्वॉय’ हवा के बीच में ही फट गया।
मशरूम के शेप में एक बड़ा आग का गोला उठा और आस-पास का तापमान 3000 से 4000 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। विस्फोट से इतनी तेज हवा चली कि 10 सेकेंड में ही ये ब्लास्ट पूरे हिरोशिमा में फैल गया। 70,000 लोग चंद मिनटों में मारे गए, इनमें से कई लोग तो जहां थे वहीं भाप बन गए।
इस घटना के 78 साल बाद जापान के हिरोशिमा शहर में दुनिया के अमीर देशों के संगठन ‘G7’ की बैठक हो रही है। जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बतौर गेस्ट शामिल होने पहुंच चुके हैं।
हिरोशिमा की तबाही की कहानी आपने पहले भी पढ़ी-सुनी होगी। आज हम बताएंगे हिरोशिमा के बनने की कहानी। 6 अगस्त 1945 को परमाणु धमाका होने के अगले 24 घंटे, 48 घंटे और 72 घंटे में कैसे ये शहर वापस खड़ा होने लगा।