किसान आंदोलन का आज 16वां दिन है। किसान अपनी मांगो को लेकर शंभू-खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। दिल्ली जाने को लेकर किसान नेता आज फैसला लेंगे। वहीं इस संबंध में आज किसान संगठनों की मीटिंग शंभू बॉर्डर पर होगी। इससे पहले मंगलवार को भी किसान नेताओं ने अपने-अपने संगठनों के साथ मीटिंग की। लेकिन अब किसान नेता संयुक्त बैठक करेंगे। इसके बाद अगली रणनीति की घोषणा की जाएगी।
किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सरवण पंधेर और जगजीत डल्लेवाल ने कहा है कि दोनों मंचों की संयुक्त बैठक होगी। इसके बाद आंदोलन में शामिल होने की इच्छा जताने वाले संगठनों से भी बातचीत की जाएगी। विस्तार से आज रणनीति बनाकर अगली कार्रवाई की घोषणा की जाएगी।
2 दिन के लिए इंटरनेट बंद
वहीं, हरियाणा सरकार ने अंबाला में 28 और 29 फरवरी को इंटरनेट बंद करने का ऐलान किया है। इस अवधि के दौरान अंबाला के सदर पुलिस स्टेशन के अधीन पंजोखेरा और नग्गल में भी इंटरनेट बंद रहेगा।
किसान नेताओं ने पंजाब सरकार को घेरते हुए कहा है कि शुभकरण की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज न करना साबित करता है कि पंजाब सरकार केंद्र सरकार के साथ मिली हुई है। साथ में उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो पंजाब सरकार को इस मामले में FIR दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए। पंजाब सरकार का यह ढीला रवैया पूरे प्रदेश के साथ-साथ देश में भी विपक्ष का चेहरा उजागर कर रहा है।
उधर, आंदोलन को लेकर किसान संगठन आमने-सामने आ गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा था कि एमएसपी पर आंदोलन को लेकर उनसे पहले कोई चर्चा नहीं हुई। किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने अपने स्तर पर आंदोलन शुरू कर दिया है।
अब इस पर KMM के कोऑर्डिनेट सरवन सिंह पंढेर ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि उनकी किसान नेताओं से मुलाकात हुई । लेकिन, सभी ने कहा था कि MSP को लेकर आंदोलन खड़ा नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस बारे में जानकारी भी दी कि 13 बार SKM और हरियाणा के किसान नेताओं से वह खुद और उनके साथी मिले। इसलिए ये कहना गलत है कि आंदोलन शुरू करने से पहले किसी से बात नहीं की गई।