कनाडा में पढ़ाई का सपना देख रहे भारतीय स्टूडेंट्स के लिए बुरी खबर सामने आई है। कनाडा की ट्रूडो सरकार ने स्टूडेंट्स के वीजा परमिट में 35 प्रतिशत तक कटौती करने का फैसला किया है। इमीग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने सोमवार को ऐलान किया।
इमीग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि कनाडा विदेशी स्टूडेंट्स के परमिट में 35 प्रतिशत की कमी करेगा। इस सीमा से 2024 में परमिटों की संख्या घटकर 3,64,000 हो जाएगी। इस साल के अंत में 2025 की सीमा का फिर से रिव्यू किया जाएगा।
मिलर ने कहा कि इससे उन संस्थानों पर असर पड़ेगा जो विदेश से आने वाले स्टूडेंट्स से अधिक फीस वसूल रहे हैं और विदेशी स्टूडेंट्स की संख्या में लगातार इजाफा कर रहे हैं। इसमें मास्टर्स और पीएचडी के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स को सीमा से छूट दी जाएगी।
कुछ राज्यों में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की भारी कमी देखी जाएगी
मिलर ने कहा कि वे प्रतिभाशाली लोग हैं जिन्हें हमें बनाए रखने की जरूरत है। वे जनसंख्या के आधार पर राज्यों की तरफ से कैप स्पेस आवंटित करेंगे, जिसका अर्थ है कि कुछ राज्यों में अनुमति प्राप्त इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या में भारी कमी देखी जाएगी।
घरों की कमी से जूझ रहा है कनाडा
कनाडा सरकार को विदेशी स्टूडेंट्स की बढ़ती संख्या से कनाडा के कई शहरों में गेस्ट हाउस की कमी का सामना करना पड़ा है। कनाडा इस समय घरों की भारी कमी से जूझ रहा है। 2022 में 800,000 से अधिक इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को अस्थायी स्टडी वीजा जारी किया गया था। मिलर ने पिछली बार कहा था कि 2023 की संख्या 10 साल पहले स्वीकार की गई संख्या से तीन गुना से अधिक होने वाली है।
पिछले एक महीने से हो रहा था विचार
मिलर ने आरोप लगाया कि संस्थानों को इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए ज्यादा ट्यूशन फीस लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है क्योंकि उनके पास घरेलू छात्रों के लिए ट्यूशन बढ़ाने की कम छूट है। इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या पर एक सीमा लगाने का विचार महीनों से चल रहा है।
इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को सजा देना लक्ष्य नहीं
मिलर ने इस बात पर जोर दिया कि इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को सजा देना लक्ष्य नहीं है, जो इस देश के लिए एक मूल्यवान संपत्ति हैं। यह अस्वीकार्य है कि कुछ निजी संस्थानों ने ट्यूशन की कीमतें बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय छात्रों का फायदा उठाया।