2002 में एयर चाइना फ्लाइट 129, बी-767, बुसान (दक्षिण कोरिया) में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, इसमें सवार 166 में से 129 की मौत हो गई, यह देश की सबसे खराब हवाई दुर्घटना थी। रास्ते में, जेट सीएफआईटी एयरपोर्ट के पास एक पहाड़ी से टकराया।
जिंदा जलकर करीब 129 लोग मर गए थे
16 हजार फीट की ऊंचाई पर करीब 300 मील प्रति घंटे की रफ्तार से जहाज उड़ रहा था, अचानक जहाज स्पीड से नीचे की तरफ आया। पहले पेड़ से और फिर जमीन से टकराकर उछला, जोरदार धमाका हुआ, भीषण आग लगी और जहाज हवा में ही टुकड़े-टुकड़े होकर बिखर गया।
इतना जोरदार धमाका हुआ कि आस-पास रहने वाले लोग हिल गए। लोग दौड़े आए और बचाव अभियान चलाया गया, लेकिन प्लेन में लगी भीषण आग में जिंदा जलकर करीब 129 लोग मर गए थे।
2022 की यादें आज भी ताजा कर देती है
लाशें गांव के लोगों ने इधर उधर बिखरी देखी। जिन घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, उनकी हालत भी काफी खराब थी। आज से 22 साल पहले 15 अप्रैल 2002 को हुए हादसे की यादें आज भी उनके जेहन में ताजा हैं। वहीं साल 2005 में पेश की गई जांच रिपोर्ट में पायलट और बुसान के गिम्हे एयरपोर्ट के ATC अधिकारियों को गलत ठहराया गया। साउथ कोरिया के इतिहास का सबसे घातक हादसा माना गया।
कैसे हुआ था हादसा?
जानकारी मुताबिक, एयर चाइना एयरलाइंस ने बोइंग 676 प्लेन ने 15 अप्रैल की सुबह करीब साढ़े 8 बजे चीन के बीजिंग एयरपोर्ट से बुसान के गिम्हे एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी। करीब 2 घंटे बाद अचानक बारिश होने लगी और गिम्हे पहुंचते-पहुंचते घनी धुंध छा गई। जहाज को रनवे 36 पर लैंड करना था, लेकिन धुंध के कारण रनवे नजर नहीं आया। पायलट ने जहाज का रूख मोड़ा तो टेक्निकल प्रॉब्लम और दबाव के कारण जहाज के इंजन में आग लग गई।
रिपोर्ट में एसओपी की अवहेलना, खराब सीआरएम, स्थितिजन्य जागरूकता की हानि जैसी क्रू गतिविधियों का उल्लेख किया गया है।