डाइट के साथ साथ बहुत से लोग सप्लीमेंट लेते हैं। इतना ही नहीं कई डॉक्टर्स भी अपने पेशेंट को सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। ऐसे में क्या आपने कभी सप्लीमेंट के लेबल को चेक किया है। शायद ही किया हो। लेकिन आपको बता दें हाल ही में एक नए अध्ययन में ये बात सामने आई है कि भारत में 70 प्रतिशत प्रोटीन सप्लीमेंट पर गलत लेबल लगा होता है। वहीँ इनमें कई विषाक्त पदार्थ होते हैं।
दरअसल नए अध्ययन से भारत में बिकने वाले लोकप्रिय हर्बल-आधारित प्रोटीन पाउडर की लेबलिंग और सुरक्षा में गंभीर विसंगतियों का पता चला है। मेडिसिन जर्नल में पब्लिश रिसर्च के अनुसार जांचे गए 36 प्रोडक्ट में से 70 फीसदी प्रोडक्ट वैसे नहीं हैं जैसा वे होने का दावा करते हैं, जबकि 14 फीसदी में हानिकारक टॉक्सिक चीज़ें पाई गई।
कीटनाशक भी मिले हैं
स्टडी में पाया गया है कि जो टेस्ट किए गए उनमे 8 फीसदी प्रोडक्ट्स में कीटनाशक मिले हैं। अध्ययन में बताया गया है कि इन सप्लीमेंट्स में लेड, आर्सेनिक जैसे बेहद खतरनाक तत्व पाए गये है जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए जिम्मेदार बनते हैं। भारत में ज्यादाटार हर्बल प्रोटीन सप्लीमेंट इफेक्टिड और घटिया क्वालिटी का होता है।
गलत लेबल मिले है
अध्ययन में कहा गया है कि स्टडी से पता चला कि 9 प्रोडक्ट में प्रोटीन की मात्रा 40 फीसदी से कम है। बाकी का 60 फीसदी से ऊपर था। 69.4 फीसदी या 25 प्रोटीन सप्लीमेंट्स को गलत लेबल किया गया था।
मट्ठा प्रोटीन क्या है
मट्ठा प्रोटीन तीन तरह का होता है। इनके बीच अंतर यह है कि उन्हें कैसे संसाधित किया जाता है। प्रोटीन गाढ़ा क्यों होता है, दूध में लैक्टोज, वसा और खनिजों के अलावा लगभग 35-80 प्रतिशत प्रोटीन होता है। मट्ठा प्रोटीन आइसोलेट, इसमें 90-96 प्रतिशत प्रोटीन और बहुत कम लैक्टोज या वसा होता है, मट्ठा प्रोटीन हाइड्रोलाइज़ेट, यह रूप पहले से पच जाता है, जो आपके शरीर को इसे तेजी से अवशोषित करने में मदद करता है।
ये पप्रोटीन एथलीटों को मांसपेशियों को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा अध्ययनों से पता चलता है कि मट्ठा प्रोटीन मोटे और अधिक वजन वाले लोगों के लिए वजन घटाने में भी हेल्प करता है। अधिक प्रोटीन का सेवन करने से लोगों को पेट भरा हुआ महसूस करने में मदद मिल सकती है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है
सुरक्षा के मुद्दे क्या है
एक तरफ जहाँ प्रोटीन पाउडर के कई स्वास्थ्य लाभ होते है, वहीँ एक्सपर्ट्स उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित भी हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान उच्च मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते समय सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पाचन संबंधी समस्याएं, एलर्जी, कब्ज, पोषण की कमी होने का खतरा रहता है । यह गुर्दे और यकृत को भी नुकसान पहुंचाने में सक्षम हो सकता है।