पाकिस्तान क्रिकेट टीम अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है। टीम के हालात ऐसे हो गए हैं कि घरेलू जमीन पर भी टेस्ट मैच जीते अरसा हो गया है। न तो पाकिस्तान टीम की बल्लेबाजी चल रही है और न ही तेज गेंदबाजी, जिस पर कभी पूरी टीम गर्व करती थी। मुल्तान में खेले गए मैच में तो पाकिस्तानी गेंदबाजों की ऐसी धुलाई हुई शायद ही इससे पहले किसी ने पाकिस्तानी टीम को इस तरह से पीटा होगा। पाकिस्तानी गेंदबाजों ने 823 रन बनवा दिए। जिसमें हैरी ब्रूक्स का तिहरा शतक और जो रूट का दोहरा शतक शामिल है। क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी टीम ने 556 रन बनाए हों और उसे पारी और 47 रन से हार का सामना करना पड़ा हो।
चलो एक बार तो मान लेते हैं कि फ्लैट पिच पर बल्लेबाजों को आउट करना आसान नहीं होता। पर इंग्लैंड के गेंदबाजों ने पाकिस्तानी बल्लेबाजों को उसी पिच पर ही 2 बार ऑल आउट करके दिखाया। इससे यह तो जाहिर होता है कि पाकिस्तानी बल्लेबाज 5 दिन टेस्ट खेल पाने में सक्षम नहीं हैं। आखिरी दिन टीम को मैच बचाने की जरूरत थी पर कोई भी बल्लेबाज क्रीज पर ज्यादा देर टिक ही नहीं पाया और दूसरी पारी महज 220 रन पर सिमट गई। जिस तरह से मुल्तान की गर्मी में इंग्लिश बल्लेबाजों ने संयम और बल्लेबाजी की कला दिखाई पाकिस्तानी खिलाड़ियों को उससे सीखना चाहिए। क्योंकि पाकिस्तान बड़े फॉर्मेट में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है।
3 साल पहले जीता घरेलू जमीन पर टेस्ट
पाकिस्तान ने घरेलू जमीन पर साल 2021 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच जीता था। उसके बाद से पाकिस्तान कोई भी टेस्ट मैच घर पर जीत पाने में कामयाब नहीं हो पाई है। वर्ल्ड टेस्ट चैपिंयनशिप में पाकिस्तान 10वें नंबर पर है और उसके फाइनल में पहुंचने के आसार पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं। जबकि पाकिस्तान से बेहतर स्थिति में श्रीलंका और बांग्लादेश जैसी टीमें हैं। बांग्लादेश ने हाल ही में पाकिस्तान को 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया था। बांग्लादेश से टेस्ट में हारने के बाद पाकिस्तानी टीम को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था।
2022 के बाद लगातार गिरता रहा ग्राफ
पाकिस्तान का ग्राफ का ग्राफ पिछले 3 सालों से गिरता आ रहा है। ऑस्ट्रेलिया में हुए साल 2022 के टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल के बाद पाकिस्तान किसी भी मल्टीनेशनल टूर्नामेंट में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाया है। इंडिया में हुए 2023 वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान की टीम का प्रदर्शन औसत ही रहा। टीम को अफगानिस्तान से पहली बार वर्ल्ड कप में हार का मुंह देखना पड़ा और वह ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई। टीम के इस बुरे प्रदर्शन को लेकर कप्तान बाबर आजम की जमकर आलोचना हुई। इसके बाद बाबर आजम ने 3 तीनों फॉर्मेट से पाकिस्तानी टीम की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद वनडे टीम20 की कप्तानी तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी को सौंप दी गई और टेस्ट की कमान शान मकसूद को दे दी गई।
बार-बार बदली कप्तानी
लेकिन एक सीरीज के बाद ही शाहीन से कप्तानी छीनकर दोबारा बाबर आजम को दे दी गई। पीसीबी ने अपने सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी पर भरोसा जताया। पर इसके बाद भी बाबर आजम कोई खास कमाल नहीं कर पाए। वेस्टइंडीज और अमेरिका में हुए टी20 वर्ल्ड कप से टीम ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई। यहां तक कि अमेरिका जैसी एसोसिएट टीम के खिलाफ पाकिस्तान को हार देखनी पड़ी। मैच सुपर ओवर में जाने के बाद पाकिस्तान टीम जीत नहीं पाई। जो पाकिस्तान टीम के स्तर को दिखा रहा है।
टीम के पास न बॉलर न तो बल्लेबाज
एक दौर था जब पाकिस्तान टीम भारत से बेहतर मानी जाती थी। क्योंकि पाकिस्तान के पास अच्छे गेंदबाज थे। इसी वजह से ही पाकिस्तान का 80 और 90 के दशक के बीच भारत पर दबदबा भी रहा। पर मौजूदा स्थिति में न तो पाकिस्तान के वर्ल्ड क्लास बॉलर हैं जो लगातार 5 दिन गेंदबाजी कर पाएं और न ही बल्लेबाज। आज के टाइम में भारत जैसी टीम को हराना पाकिस्तान के लिए एक चुनौती से कम नहीं है। इसका सबूत भारत ने बांग्लादेश की टीम को घर में 2-0 से क्लीन स्वीप करके बता दिया है। यह वही टीम थी जो पाकिस्तान में हराकर भारत में आई थी। पर भारत ने जिस तरह से 2 टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी और गेंदबाजी की, उसका बांग्लादेश के पास कोई जवाब नहीं था। कानपुर मैच में बारिश ने 3 दिन खराब कर दिए। पर भारत ने बावजूद इसके बांग्लादेश को हरा दिया।
घरेलू क्रिकेट में करने होंगे बदलाव
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के गिरते प्रदर्शन से सिर्फ उनका बोर्ड ही नहीं बल्कि कई देश चिंतित हैं। क्योंकि टेस्ट प्लेइंग नेशंस की संख्या पहले ही कम है और अगर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने घरेलू क्रिकेट में बदलाव नहीं किए गए तो पाकिस्तान का हाल भी जिम्बाब्वे जैसा हो जाएगा। जहां टीमें सिर्फ अपनी दूसरी दर्जे की टीम को मौका देंगी और अपने मेन खिलाड़ियों को आराम देंगी। पाकिस्तान क्रिकेट को टी20 से फोकस हटाकर टेस्ट पर करना चाहिए। क्योंकि जिन देशों ने अपनी घरेलू जमीन पर टेस्ट क्रिकेट को बेहतर किया है उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसमें इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, भारत, साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड जैसी टीमें हैं। जिन्होंने टी20 क्रिकेट के बावजूद टेस्ट की महत्वता को समझा और उसकी नींव कमजोर नहीं होने दिया।