पंजाब के मालेरकोटला में जमीन कब्जे को लेकर किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी। जिसके बाद यहां स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन कब्जे को लेकर किसान और प्रशासन आमने सामने हो गया।
मंगलवार को यहां पुलिस की ओर से जमीन पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद बधवार को भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के सदस्य विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने पुलिस की ओर से लगाए गए टिप्परों को भी धक्का देकर वहां से हटा दिया।
पीएम मोदी के नेतृत्व में होने जा रही बैठक
इस मामले को लेकर बुधवार शाम को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय बैठक होने जा रही है। बैठक में NHAI अधिकारियों के अलावा पंजाब सरकार के अधिकारियों को भी शामिल होने के लिए कहा गया है। इस बैठक में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन कब्जे में आ रही दिक्कतों पर रिपोर्ट पेश की जाएगी।
हाईकोर्ट भी सख्त
उधर, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट भी भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) को लेकर सख्त है। हाल ही में हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को दो हफ्ते के भीतर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। इस मामले में पंजाब सरकार को 6 सितंबर को हाई कोर्ट में जवाब दाखिल करना है।
केंद्र और पंजाब सरकार के बीच विवाद
पंजाब में नेशनल हाईवे के प्रोजेक्टों के लिए जमीन को लेकर केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच लंबे समय से रूकावट बना हुआ है। 16 जुलाई को दिल्ली में एक बैठक हुई। जिसमें लोक निर्माण एवं बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने भाग लिया।
वहीं, इस बैठक में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब सरकार को प्राथमिकता के आधार पर हाईवे की जमीन पर कब्जा दिलाने को कहा। साथ ही चेतावनी दी कि अगर इस काम में देरी हुई तो प्रोजेक्ट रद्द कर दिया जाएगा। इसके बाद मामला थोड़ा गरमा गया था।
केंद्र ने पंजाब सरकार को दी थी चेतावनी
फिर 7 अगस्त को NHAI प्रोजेक्ट्स में काम करने वाले ठेकेदारों ने केंद्र और पंजाब सरकार को पत्र लिखा। उन्होंने यह भी कहा कि भू-माफियाओं की ओर से उन्हें जलाने की धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो वह काम बंद कर देंगे।
DGP से कार्रवाई करने को कहा था
इसके बाद पंजाब डीजीपी को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा। साथ ही उस वक्त दो एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इसके बाद 10 अगस्त को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से पंजाब सरकार को पत्र लिखा गया। साथ ही एनएचएआई अधिकारियों और ठेकेदारों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया गया।
14,288 करोड़ के प्रोजेक्ट को वापस लेने की दी धमकी
नितिन गडकरी ने कहा कि अगर सुरक्षा नहीं दी गई तो 1,4,288 करोड़ रुपए की लागत वाली 293 किमी लंबी परियोजना बंद कर दी जाएगी। फिर 12 अगस्त को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की ओर से इस मुद्दे पर अधिकारियों के साथ बैठक की गई
उधर, इस मामले को लेकर एनएचएआई ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। यह भी कहा गया कि पिछले साल अक्टूबर में हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से जमीन अधिग्रहण कर उन्हें सौंपने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद पिछले शुक्रवार को हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को यह प्रक्रिया दो हफ्ते में पूरी करने को कहा।
पंजाब में जमीन की कीमत ज्यादा
इसके बाद 13 अगस्त को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र को सहयोग का आश्वासन दिया और स्पष्ट किया कि ठेकेदारों पर हमले के मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके साथ ही उन्होंने पत्र में कहा था कि पंजाब में जमीन की कीमत अन्य राज्यों से ज्यादा है। ऐसे में किसान जमीन देने से कतराते हैं। वे किसानों के साथ बैठक कर मामला सुलझाएंगे।
गडकरी ने जारी किया था पत्र
गडकरी ने पत्र जारी कर सीएम मान से इस मामले में व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की थी। उन्होंने पत्र में लिखा था कि मैं अनुरोध करता हूं कि राज्य सरकार तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए, FIR दर्ज करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे ताकि आगे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और NHAI अधिकारियों और कर्मचारियों का विश्वास बहाल हो सके।
गडकरी ने 15 जुलाई को हुई एनएच परियोजनाओं की समीक्षा बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया था कि भूमि अधिग्रहण और कानून व्यवस्था से जुड़े पेंडिंग मुद्दों को पहल के आधार पर हल किया जाएगा।
कई को बेरहमी से पिटा
ठेकेदारों का कहना था कि यह धमकी कटरा एक्सप्रेस का निर्माण कर रहे कर्मचारियों को अमृतसर से मिली है। एनएचएचआई की तरफ से लिखे गए लेटर में 2 मामलों का जिक्र किया गया है। ठेकेदारों का कहना था कि 20 जुलाई को मनीष शर्मा को गांव के लोगों ने बेरहमी से पिटा। जिसकी उन्होंने कुछ फोटो भी सरकार को दी है। इस मामले में FIR दर्ज की गई थी। लेकिन फिर आरोपियों को मौके पर ही जमानत दे दी गई।