ख़बरिस्तान नेटवर्क, चंडीगढ़ : पंजाब सीएम भगवंत मान ने सरकारी स्कूलों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सरकार सरकारी स्कूलों को नई सौगात देने जा रही है।
सीएम मान ने कहा कि अब घर से स्कूल की दूरी ज्यादा होने पर स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई बीच में नहीं छोड़नी पड़ेगी। सरकार ऐसे में स्टूडेंट्स को स्कूलों तक लाने के लिए बसें चलाई जाएंगी। पहले चरण में सूबे के लड़कियों के 15 स्कूल और 117 स्कूल ऑफ एमिनेंस में से कुछ को प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है।
बता दें कि इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 21 करोड़ की राशि को जारी किया है। इसी के साथ सीएम मान ने कहा कि बहुत जल्द ही इस प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारा जाएगा। इस प्रोजेक्ट से 20 हजार के करीब स्टूडेंट्स की परेशानियों का हल होगा। इससे पंजाब के स्कूलों में ड्रॉप आउट की संख्या भी रुकेगी।
गांवों की स्कूलों से दूरी की असल वजह
चंडीगढ़ में सीएम मान ने कहा कि पंजाब के अधिकतर एरिया में 5वीं कक्षा तक स्कूल बने हैं। इसके बाद की पढ़ाई करने में स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ता था। क्योंकि गांवों में स्कूल भी नहीं हैं और यातायात के साधन भी उचित नहीं हैं। जब वह गांवों में जाते थे तो जहां 5वीं तक स्कूल बने हैं, वहां के लोग 8वीं क्लास तक के स्कूल बनाने की मांग रखते थे। 8वीं वाले, 10वीं वाले 12वीं तक के स्कूल बनाने की मांग रखते थे। इसके पीछे की असल वजह यह है कि इन गांवों की स्कूलों से दूरी ज्यादा थी।
इस वजह से नाम कटा देते थे परिजन
ऐसे में खासकर लड़कियों के परिजन बेटियों को स्कूलों से किसी अन्य स्कूल में भेज देते थे क्योंकि स्कूलों तक कोई बस सेवा नहीं थी। उन्हें स्कूल जाने के लिए ट्रॉलियों के पीछे लटककर या फिर किसी अजनबी से लिफ्ट मांगकर जाना पड़ता था। ऐसे में लड़कियों के परिजन इसे सुरक्षित नहीं समझते। वह स्कूलों से अपने बच्चों का नाम कटा देते थे। सीएम ने कहा कि यह बातें उन्होंने शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस से शेयर की। ऐसे में उन गांवों व बच्चों का पता लगाया गया, जिन्हें स्कूल दूर होने की वजह से परेशान आती थी।
7वीं तक के स्टूडेंट्स की पहले कर दी जाएगी छुट्टी
इस सर्वे में सामने आया कि इससे 20 हजार स्टूडेंट्स प्रभावित होते हैं। इनमें आठ हजार लड़के और 12 हजार लड़कियां हैं। इसके बाद शिक्षा विभाग ने लड़कियों के 15 बड़े स्कूलों को चुना है, जहां पर स्टूडेंट्स को परेशानी आती थी। इसके बाद अब प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएगा। प्रोजेक्ट के पहले चरण में शामिल स्कूलों को शिक्षा विभाग सात-सात बसें खरीदकर देगा। इन स्कूलों में स्टूडेंट्स की तादाद अधिक है। ऐसे में यहां पर 7वीं तक के स्टूडेंट्स की छुट्टी पहले कर दी जाएगी। इसके बाद बसें स्कूलों में दोबारा आकर बड़ी क्लास के स्टूडेंट को लेकर उन्हें घर पहुंचाएगी।