ख़बरिस्तान नेटवर्क : म्यांमार भूकंप ने तबाही मचा दी है। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शनिवार तक मरने वालों का आंकड़ा 1644 तक पहुँच गया, जबकि 3,400 से ज्यादा लोग घायल है और 139 लोग लापता हैं। बीते दिन शनिवार को फिर से म्यांमार में दोपहर 3:30 पर भूकंप आया। इसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.1 मापी गई। बता दें कि पिछले दो दिनों में 16 बार से भी ज्यादा झटके आए हैं। भूकंप के झटके थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन और भारत तक महसूस किए गए।
भारत कर रहा ऑपरेशन ब्रह्मा में मदद
भारतीय विदेश मंत्री S.Jaishankar ने बताया कि भारतीय नौसेना के जहाज INS सतपुड़ा और INS सुमित्रा देश की मदद करने में जुटी हुई है। इस ऑपरेशन के तहत 40 टन रिलीफ सामग्री म्यांमार के यांगून बंदरगाह भेजे गए है। इसके अलावा 118 सदस्यीय फील्ड हॉस्पिटल यूनिट आगरा से म्यांमार के मांडले शहर पहुंची है।
बता दें की इससे पहले भारत ने मदद के लिए 15 टन राहत सामग्री में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं भेजी थी।
UN ने की 43 करोड़ रुपए की मदद
म्यांमार की मदद के लिए UN भी सहियोग दे रहा है। UN (संयुक्त राष्ट्र) ने 43 करोड़ रुपए की मदद की है। बिगड़ते हालत देख पूरा देश अपना कर्तव्य निभाते हुए सामने आ रहे है। जहां एक तरफ रूस के इमरजेंसी मंत्रालय ने 120 बचाव कर्मियों और जरूरी सामान के साथ दो विमानों भेजे, वहीं दूसरी और चीन ने भी अपनी रेस्क्यू टीम भेजी है। हॉन्ग कॉन्ग, सिंगापुर और मलेशिया भी रेस्क्यू टीम भेजने की तयारी कर रहा है।
ट्रांसपोर्ट में आ रही रुकावटें
सड़कों पर भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं। कई महत्वपूर्ण Medical सामग्री जैसे ट्रॉमा किट, ब्लड बैग, एनेस्थेटिक्स और जरूरी दवाओं के Transport में रुकावटें आ रही हैं। यूरोपीय यूनियन (EU) ने म्यांमार को आपातकालीन सहायता के रूप में 23 करोड़ रुपए की मदद भेजी है। EU ने कहा है कि इस कठिन परिस्थिति में वे म्यांमार के लोगों के साथ हैं।