बठिंडा के गांव राजगढ़ खुर्द की रहेने वाली महिला ने प्राइवेट अस्पताल पर बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। महिला इंसाफ को लेकर पेट्रोल की बोतल लेकर अस्पताल की पानी की टंकी पर चढ़ गई। इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) विधि से जन्मी बच्ची को चार दिनों तक लापरवाही से खून चढ़ाया गया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।
महिला को नीचे उतारने की कोशिश की जा रही है
राजगढ़ खुर्द की रहने वाली मंजीत कौर पेट्रोल की बोतल लेकर सिविल अस्पताल बठिंडा की पानी की टंकी पर चढ़ गई और न्याय की मांग करने लगी। स्थानीय पुलिस चौकी समेत थाना सदर की पुलिस मौके पर पहुंची और महिला से नीचे उतरने का आग्रह करती रही।
डॉक्टरों ने लापरवाही दिखाई
महिला का कहना था कि जब बच्चे के लिए मोटी रकम वसूली गई तो उन्हें बाहर क्यों भेजा जा रहा है। इसके बाद अस्पताल ने बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतनी शुरू कर दी। यही उसकी मौत का कारण बना। महिला ने बताया कि काफी समय तक उसे बच्चा नहीं हुआ और जब कृत्रिम गर्भाधान से बच्चा पैदा हुआ तो डॉक्टरों की लापरवाही से उसकी मौत हो गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले को लेकर उन्होंने सिविल अस्पताल प्रबंधन से भी शिकायत की थी, लेकिन सभी की मिलीभगत के कारण उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।