Mohammad prophecy came true, havoc of nature wreaked havoc on Mecca-Medina : सऊदी अरब के मक्का और मदीना पर कुदरत का कहर टूट पड़ा है। भारी बारिश और बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। सोमवार से शुरू हुई बारिश आज भी जारी है। तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण आम जन जीवन अस्त व्यस्त है। मक्का, रियाद, जेद्दा और मदीना जैसे बड़े शहरों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
एक तरफ हजारों सालों से रेतीली जमीन पर हरी घास उग रही है, वहीं बारिश के लिए तरस रहे शहरों को भारी बारिश और बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है।मक्का-मदीना गए तीर्थयात्री इन शहरों में बारिश और हरियाली देखकर हैरान-परेशान हैं। इस्लामिक मान्यता वाले लोग कयामत की निशानी कह रहे हैं। वहीं मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि भारी बारिश और जलवायु परिवर्तन से हरियाली वापस आई है। एक्सपर्ट जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लेने की चेतावनी दे रहे हैं।
पैगंबर मोहम्मद की भविष्यवाणी
सोशल मीडिया पर पैगंबर मोहम्मद के एक कथन का जिक्र किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि पैगंबर ने 1400 साल पहले कहा था, 'कयामत का दिन तब तक नहीं आएगा जब तक लोगों के पास बहुत सारा धन न हो जाए। इतना कि आदमी जकात देना चाहे लेकिन उसे लेने वाला कोई न मिले। वहीं, इसका दूसरा संकेत यह है कि कयामत से पहले अरब की धरती फिर से घास के मैदानों और नदियों में बदल जाएगी। ये पवित्र शहर जो कभी हरियाली से भरे थे, फिर से हरे हो जाएंगे।' लोग सोशल मीडिया पर सऊदी शहरों में बाढ़ और हरियाली की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं और कह रहे हैं कि पैगंबर ने यही कहा है।
जलवायु परिवर्तन से बदलाव
मौसम विज्ञानियों का मानना है कि इस बदलाव के पीछे जलवायु परिवर्तन है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह पैगंबर मोहम्मद की भविष्यवाणी का पूरा होना है।सऊदी के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने कई शहरों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। रियाद, मक्का, अल-बहा और तबुक क्षेत्र खराब मौसम का सामना कर रहे हैं। मदीना में भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने पूरे क्षेत्र को अस्त-व्यस्त कर दिया है। मक्का में आपदा प्रबंधन केंद्र ने अलर्ट जारी किया है। मौसम में यह बदलाव एक बड़े तूफानी सिस्टम का हिस्सा है, जिसने इस क्षेत्र में पहले ही काफी उथल-पुथल मचा दी है।