हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 कांग्रेस विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी हा। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने वाले छह विधायकों ने दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया। इसलिए इन विधायकों की सदस्यका तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है।
स्पीकर ने उन्हें पार्टी व्हिप के उल्लंघन का दोषी माना है। अपना फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष पठानिया ने कहा कि हमने दोनों पक्षों को ध्यान से सुना। हमने पाया कि बागी विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया है। जिनमें राजेंद्र राणा(सुजानपुरा), सुधीर शर्मा(धर्मशाला), रवि ठाकुर(लाहौल स्पीति), चैतन्य शर्मा(गगरेट), देवेंद्र भुट्टों(कुटलैड़), आईडी लखनपाल(बड़सर) शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने वाले छह विधायकों ने दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया। इसलिए इन विधायकों की सदस्यका तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है।
आया राम, गया राम की पॉलिटिक्स कर रहे
स्पीकर ने कहा सरकार को जनादेश मिला। जनता ने 5 साल के लिए सरकार चुनी और ये लोग आया राम, गया राम की पॉलिटिक्स कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इन लोगों ने खुद एंटी डिफेक्शन लॉ को न्योता दिया।
विपक्षी पार्टी भाजपा को दिए वोट
बता दें कि इन नेताओं ने पार्टी प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की जगह भाजपा के हर्ष महाजन को वोट दिया है। इससे सिंघवी राज्यसभा चुनाव हार गए। वहीं सरकार गिरने और मुख्यमंत्री की कुर्सी छिनने की चर्चाओं के बीच CM सुखविंदर सुक्खू ने गुरूवार सुबह विधायकों को ब्रेकफास्ट पर सरकारी आवास में बुलाया था। सुबह साढ़े 9 बजे का समय दिया गया था।
अभी तक मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विक्रमादित्य सिंह नहीं पहुंचे उन्होंने इस्तीफे के बाद कहा था कि इस पर फैसला हाईकमान के ऑब्जर्वर लेंगे। इतना जरूर है कि वे अपने इस्तीफे को आगे नहीं बढ़ाएंगे।