ख़बरिस्तान नेटवर्क, शिमला : हिमाचल प्रदेश देश का 5वां सबसे कर्जदार राज्य है। गुरुवार को राज्य के डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा के मानसून सेशन के दिन ये जानकारी साझा की। दरअसल डिप्टी सीएम ने हिमाचल की वित्तीय स्थिति को लेकर श्वेत पत्र सदन में पेश किया। वहीं हर व्यक्ति तकरीबन 1 लाख 2 हजार 818 रुपए कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है।
भाजपा ने चुनावी साल में लिया इतने हजार करोड़ का कर्ज
मानसून सेशन के चौथे दिन डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री ने पूर्व भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के सत्ता संभालने के साथ ही 92,774 करोड की देनदारियां विरासत में मिली। 31 मार्च 2023 तक प्रदेश पर कर्जे का बोझ बढकर 76,631 करोड़ तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने चुनावी साल में 16,261 करोड रुपए का कर्ज लिया था।
HPRTC बसों की इतने करोड़ की देनदारियां
कर्ज की राशि को प्रदेश के विकास के लिए नहीं बल्कि चुनाव जीतने के लिए खर्च किया गया। अमृत महोत्सव समारोहों पर 7 करोड रुपए खर्च किए हैं। रैलियों के इस्तेमाल के लिए हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों की देनदारियां 8.50 करोड़ अभी भी लंबित है।
स्मार्ट सिटी नहीं स्टील सिटी बनी शिमला- सुक्खू
राजधानी शिमला को स्टील सिटी बन दिया है। पूर्व सरकार ने अधिकारियों पर दबाव बनाकर ऐसे फैसले लिए जिससे इस शहर में स्टील के ढांचे खडे कर दिए गए हैं। हाल ही में बरसात में स्लाॅटर हाउस ध्वस्त हुआ, जिसका निरीक्षण कर उन्हें दुख हुआ।
सरकार उनकी निश्चित तौर पर करवाएगी जांच
यह बात सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला और धर्मशाला में स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कार्यों को लेकर सुधीर शर्मा के प्रश्न पर कही। कहा कि अगर विधायक अनियमतिताओं को लेकर लिखकर शिकायत देंगे तो सरकार उनकी निश्चित तौर पर जांच करवाएगी। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने दोनों शहरों में बने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों की गुणवता पर सवाल उठाए और उनकी जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की मांग की है।