जालंधर के अवतार नगर गली नंबर 12 में अग्निकांड में परिवार के 6 सदस्यों की मौत हो गई है। इलाका निवासियों का कहना है कि इस हादसे में जानें बचाई जा सकती थी। क्योंकि जब आग लगी तो 2 बच्चे झुलस कर मौके पर ही दम तोड़ चुके थे। इनमें एक लड़की की सांसे चल रही थी जिसे लेकर लोग तुरंत सिविल अस्पताल को दौड़े। पर सिविल अस्पताल में कोई पूछने नहीं आया और लापरवाही बरती गई।
सिविल अस्पताल ने की लापरवाही
इलाके में रहने वाले रानी ने बताया कि जब आग लगी तो मोहल्ले के लोग बच्चों को निकालने के लिए दौड़े। जब बच्चों को बाहर निकाला तो उन सभी की मौत हो गई थी। पर उनमें एक लड़की की सांसे चल रही थी। जब हम उस बच्ची को सिविल अस्पताल लेकर गए तो हमें वहां कोई सामने आकर नहीं मिला।
न तो स्ट्रैचर और न ही व्हील चेयर दी, बेड तक नहीं थे अस्पताल के पास
महिला ने आगे बताया कि आग से झुलसी बच्ची के लिए अस्पताल के स्टाफ में किसी ने भी न तो स्ट्रैचर और न ही व्हील चेयर दी। उस समय भी बच्ची की सांसे चल रही थी। हमने उम्मीद लगाई थी अगर छोटी बच्ची का ईलाज डॉक्टर जल्दी कर लेंगे तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। पर उन्होंने कोई केयर नहीं की। उनके पास बेड तक नहीं थे। उन्होंने बच्चे को लेटाया भी नहीं। जब डॉक्टरों ने ईलाज शुरू किया तब तक उसकी मौत हो गई थी।
डॉक्टरों के साथ बहसबाजी भी हुई
इस दौरान हमारी अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टर से बहस भी हुई। पर उन्होंने बच्चों की केयर नहीं की। उसके बाद से फिर जो जख्मी थे उन्हें भी सिविल अस्पताल से निकाल के दूसरे अस्पताल में भर्ती करवाया। ईलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई है।
10 बजे के करीब हुआ हादसा
गौर हो कि यह हादसा बीती रात करीब 10 बजे फ्रिज के गैस लीक होने से हुआ। जिससे घर में आग लग गई। आग लगने के कारण 2 बच्चों की झुलस कर मौके पर ही मौत हो गई। जबकि बाकियों को पहले अस्पताल ले जाया गया। जहां ईलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
विधायक रमन अरोड़ ने कहा- लापरवाही बरतने वालों पर करेंगे सख्त कार्रवाई
सेंट्रल से आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा ने अस्पताल की लापरवाही पर कहा कि अगर इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बरती गई है तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी।
सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट ने आरोपों को नकारा
सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. गीता ने इन आरोपों को नकारा है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दर्दनाक घटना है। हमें बतौर इंसानियत उनकी मदद करना चाहते हैं। जब हमें इस घटना की जानकारी मिली तो हमने पूरी टीम को बुला लिया। हमारे सर्जन, मेडिकल स्पेशलिस्ट और SMO तक आ गए थे।
उन्होंने आगे बताया कि हमें तो यह भी नहीं पता था कि इस घटना में कितने जख्मी हैं और उनकी हालत कैसी है। पर हमको यह घटना पता लगते ही हमने अपनी पूरी टीम इकट्ठी कर ली थी। हमने अपनी तरफ से पुख्ता प्रबंध कर दिए थे।