web khabristan hindi news portal
 
  • icon पढ़िए
  • iconदेखिए
  • iconਖbristan
  • Khabristan
×
  • देश
  • पंजाब
  • धर्मायनमः
  • दुनिया
  • बॉली-पॉली
  • खेल
  • चुनाव
  • शिक्षा
  • पब्लिक-इंटरस्ट
  • तंदरुस्तायेनमः
  • कहिये
☰
  • देश
  • पंजाब
  • धर्मायनमः
  • दुनिया
  • बॉली-पॉली
  • खेल
  • चुनाव
  • शिक्षा
  • पब्लिक-इंटरस्ट
  • तंदरुस्तायेनमः
  • कहिये
  • देश
  • पंजाब
  • धर्मायनमः
  • दुनिया
  • बॉली-पॉली
  • खेल
  • चुनाव
  • शिक्षा
  • पब्लिक-इंटरस्ट
  • तंदरुस्तायेनमः
  • कहिये

International Peace Day : श्री श्री रविशंकर ने कहा- हर व्यक्ति शांति का योद्धा बनें


International Peace Day :
9/19/2024 7:19:47 PM         Raj        International Peace Day, Sri Sri Ravi Shankar , peace warrior             International Peace Day : ਸ਼੍ਰੀ ਸ਼੍ਰੀ ਰਵੀ ਸ਼ੰਕਰ ਨੇ ਕਿਹਾ- ਹਰ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਬਣਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਸ਼ਾਂਤੀ ਦਾ ਯੋਧਾ   International Peace Day: Sri Sri Ravi Shankar said- every person should become a warrior of peace

शांति केवल संघर्ष की अनुपस्थिति नहीं है और न ही कोई ऐसी चीज है जिसे आप बाजार से खरीद लें या कोई उच्च नीति बनाकर प्राप्त लें। इसे अपने भीतर ही पोषित करना होता है। शांति आपका स्वभाव है। शांति की आवश्यकता तीन स्तरों पर होती है। पहला स्तर है- अपने भीतर की शांति; दूसरा स्तर है- हमारे आस-पास के वातावरण जैसे हमारे परिवार, हमारे मित्रों और कार्यक्षेत्र में शांति; तीसरा स्तर है देशों के बीच शांति। दरअसल व्यक्तिगत शांति के बिना न ही हमारे वातावरण में शांति संभव है और न ही विश्व में।

अब यहाँ शांति का अर्थ यह नहीं है कि आप निष्क्रिय रहें। शांतियोद्धा तो किसी भी गलत कार्य को रोकने की इच्छाशक्ति के साथ सक्रिय रहते हैं। वे समाज में गलत कार्यों और गलत करने वाले लोगों को उजागर करते हैं और उनके विरोध में खड़े रहते हैं। तो हममें से प्रत्येक व्यक्ति को एक शांतिदूत और शांतियोद्धा बनना चाहिए। 

जब तक हमारे वैश्विक परिवार का एक-एक सदस्य शांतिपूर्ण नहीं रहता, तब तक हमारी शांति अधूरी है। हमारे सामने यह चुनौती है कि हम उन लोगों, देशों और विश्व के उन भागों में पहुँचें जहाँ शांति नहीं है; जहाँ संघर्ष हो रहे हैं। दुनिया के कोने-कोने में शांति लाने की जिम्मेदारी हमारी है। अधिकतर शांतिप्रेमी निष्क्रिय और मौन रहते हैं लेकिन आज  शांतिपूर्ण लोगों को सक्रिय होने की आवश्यकता है। 

एक बार 1940 के आस-पास महात्मा गाँधी दार्जिलिंग में रेल यात्रा कर रहे थे।  उनके साथ पंडित सुधाकर चतुर्वेदी थे जो दक्षिण भारतीय क्षेत्र के लिए उनके सचिव हुआ करते थे। हमने कई वर्ष बाद पंडित जी से शिक्षा ग्रहण की।  यात्रा के बीच में ही कहीं, रेल का इंजन और रेल के डिब्बे एक-दूसरे से अलग हो गए। इंजन आगे चला गया और डिब्बे पीछे की तरफ जाने लगे। 

ऐसा होते ही बाकी यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई लेकिन उसी समय गाँधी जी ने उनसे कहा कि वे कुछ आवश्यक बातें नोट करने पर ध्यान दें जो गाँधी जी उस समय उनसे कह रहे थे। पंडित जी को यह बात काफी अटपटी लगी और उन्होनें गाँधी जी से कहा कि “इस समय लोग अपने प्राण बचाने के लिए चिंतित हैं और आप नोट्स लेने के लिए कह रहे हैं।

गाँधी जी ने अपने सचिव से कहा कि यदि इस समय कोई दुर्घटना घटी तो हममे से कोई नहीं रहेगा लेकिन यदि हम बच गए तो इस बात का पश्चाताप हमेशा रहेगा कि हमने इतना समय बेकार की चिंता करने में व्यर्थ कर दिया। जीवन में निरंतर ऐसी परिस्थितियां आती रहती हैं जो आपको विचलित करें पर जब हम भीतर से शांत और केंद्रित होते हैं, तो अपने चारों ओर शांति की तरंगे फैलाते हैं। 

लोग अक्सर संकट के समय एकजुट हो जाते हैं, लेकिन क्या हम शांति के प्रसार जैसी किसी सकारात्मक, रचनात्मक और सामंजस्यपूर्ण कार्य के लिए एकजुट हो सकते हैं? यदि हम मानसिक रूप से मजबूत रहें और गलत जानकारियों से प्रभावित न हों, तो हम ऐसा कर सकते हैं। 

आज के समय में सोशल मीडिया दो-धारी तलवार जैसी है। इससे सही जानकारी भी मिल सकती है और बहुत सी अफवाहें भी फैलाई जा सकती हैं जो कहीं किसी अशांति का कारण बन सकती है, इसलिए इस परिदृश्य को बुद्धिमानी से उपयोग करने की जरूरत है। शांति का समर्थन करने वाली सामूहिक आवाज़ों में अपार शक्ति है। कोलंबिया 52 वर्ष से गृहयुद्ध से ग्रस्त था। हमने उनके मुख्य विद्रोही समूह से बातचीत की और वे युद्धविराम के लिए तैयार हो गए।

उन्होंने वर्षों से चल रहे सशस्त्र संघर्ष को त्यागकर अहिंसा का मार्ग ले लिया। सब लोग युद्ध का अंत होने पर बहुत खुश थे, उन्होंने शांति का समर्थन तो किया लेकिन जनमत संग्रह में भाग नहीं लिया। परिणाम स्वरूप पहले जनमत संग्रह में शांति प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया।

हालाँकि बाद में देश की जनता जागी और उन्होंने शांति को ही चुना पर इसमें और कई प्रयास लगे। इस तरह से इतिहास इसका प्रमाण है कि जनसंख्या का एक छोटा सा प्रतिशत भी एक बड़ा परिवर्तन ला सकता है। तो जो लोग शांति के समर्थन में खड़े हैं उन्हें अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। 

एक शांत मन प्रभावशाली संवाद कर सकता है; यह समझ देशों और समुदायों के बीच शांति स्थापित करने के लिए बहुत आवश्यक है। हम सभी को आज इस बात के प्रति सजग होने की आवश्यकता है कि सामुदायिक प्रयासों और आपसी समझ से हम एक सौहार्दपूर्ण और करुणामयी विश्व बना सकते हैं; आइये इसी भावना के साथ हम सब शांति का समर्थन करें, शांति के लिए खड़े हों ।

'International Peace Day','Sri Sri Ravi Shankar','peace warrior'
khabristan whatsapp

Please Comment Here

Similar Post You May Like

  • श्री श्री रविशंकर ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से की अपील,

    श्री श्री रविशंकर ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से की अपील, दी यह सलाह

  • बैसाखी किसानों की समृद्धि, वीरता और शूरता का पर्व - श्री श्री रविशंकर

    बैसाखी किसानों की समृद्धि, वीरता और शूरता का पर्व - श्री श्री रविशंकर

  • जीवन में कुशलता प्राप्त करना ही योग है -गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

    जीवन में कुशलता प्राप्त करना ही योग है -गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

  • श्री श्री रवि शंकर ने बताए अच्छे शिक्षक के 3 गुण,

    श्री श्री रवि शंकर ने बताए अच्छे शिक्षक के 3 गुण, इन्हीं से दिव्य समाज का निर्माण होगा

  • श्री श्री रविशंकर मॉरीशस के 4 दिवसीय दौरे पर,

    श्री श्री रविशंकर मॉरीशस के 4 दिवसीय दौरे पर, कहा- मॉरीशस को हैप्पिनेस इंडेक्स में ऊपर जाते हुए देखना चाहता हूं

  • गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर अपने विचार साझा किए,

    गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर अपने विचार साझा किए, यह करने से नहीं आएंगे नकारात्मक विचार

  • International Peace Day :

    International Peace Day : श्री श्री रविशंकर ने कहा- हर व्यक्ति शांति का योद्धा बनें

  • श्री श्री रविशंकर ने धनतेरस पर दिया संदेश,

    श्री श्री रविशंकर ने धनतेरस पर दिया संदेश, कहा- धन्यभागी होना ही धनतेरस

  • श्री श्री रविशंकर को फिजी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान,

    श्री श्री रविशंकर को फिजी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, राष्ट्रपति ने खुद किया सम्मानित

  • बांग्लादेश में इस्कॉन नेता चिन्मय की गिरफ्तारी पर श्री श्री रविशंकर चिंतित,

    बांग्लादेश में इस्कॉन नेता चिन्मय की गिरफ्तारी पर श्री श्री रविशंकर चिंतित, बोले- शांति का नोबेल पाने वाले पीएम से ऐसी उम्मीद नहीं थी

Recent Post

  • केंद्र ने श्री ननकाना साहिब यात्रा पर लगाई रोक,

    केंद्र ने श्री ननकाना साहिब यात्रा पर लगाई रोक, वक्फ लॉ पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

  • टीम इंडिया के हाथ ने मिलाने से बौखलाया पाकिस्तान,

    टीम इंडिया के हाथ ने मिलाने से बौखलाया पाकिस्तान, श्री ननकाना साहिब यात्रा रोकने पर भड़के सीएम मान

  • टीम इंडिया के हाथ ने मिलाने से बौखलाया पाकिस्तान,

    टीम इंडिया के हाथ ने मिलाने से बौखलाया पाकिस्तान, Asia Cup बायकॉट करने की दी धमकी

  • सीएम मान ने केंद्र पर साधा निशाना,

    सीएम मान ने केंद्र पर साधा निशाना, पूछा- पाकिस्तान से मैच खेलने की क्या मजबूरी थी

  • जालंधर :

    जालंधर : बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों और जसदीप गिल पहुंचे पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी के घर, फूट-फूटकर रो पड़े केपी

  • शिमला में पिकअप गाड़ी बेकाबू होकर पलटी,

    शिमला में पिकअप गाड़ी बेकाबू होकर पलटी, हादसे में 4 नेपालियों समेत 5 की मौ'त

  • Delhi BMW Accident :

    Delhi BMW Accident : वित्त मंत्रालय के उप सचिव की मौत मामले में पुलिस का बड़ा ACTION

  • जालंधर समेत पंजाब में 18 बस स्टैंड बंद,

    जालंधर समेत पंजाब में 18 बस स्टैंड बंद, सैलरी न मिलने के कारण पनबस कर्मचारियों का प्रदर्शन

  • जालंधर में के एल सहगल मेमोरियल ट्रस्ट में भव्य सांगीतिक संध्या का आयोजन

    जालंधर में के एल सहगल मेमोरियल ट्रस्ट में भव्य सांगीतिक संध्या का आयोजन

  • पंजाब के अब इस गांव में प्रवासियों को नहीं मिलेगी जमीन और घर,

    पंजाब के अब इस गांव में प्रवासियों को नहीं मिलेगी जमीन और घर, पंचायत ने लिया फैसला

Popular Links

  • हमारे बारे में
  • टर्म्स ऑफ यूज़
  • प्राइवेसी पॉलिसी
  • हमसे संपर्क करें
  • हमसे जुड़ें

ऐप डाउनलोड करें

हमसे संपर्क करें

Copyright © 2025

Developed BY OJSS IT CONSULTANCY