खबरिस्तान नेटवर्क: छत्तीसगढ़ के रायपुर से दिल्ली जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट 6E 6313 रविवार यानी की बीते दिन टर्बुलेंस में फंस गई। दिल्ली में लैंड करने से पहले पायलट को फ्लाइट को दोबारा से हवा में उड़ाना पड़ गया। ऐसा दिल्ली एनसीआर में दोपहर के समय धूल भरी आंधी चलने के कारण हुआ। इसके बाद फ्लाइट ने आसमान में कई सारे चक्कर भी लगाए। बाद में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से क्लियरेंस मिलने के बाद फ्लाइट को सुरक्षित लैंड करवाया गया। फ्लाइट में हवा के चक्कर काटने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें दिख रहा है कि कैसे फ्लाइट में बैठे हुए पैसेंजर्स घबरा गए हैं।
रोते दिखे बच्चे
पायलट ने पैसेंजर्स को बताया था कि 80KMPH की रफ्तार से आंधी चल रही थी। दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 2142 खराब मौसम के कारण टर्बुलेंस में फंस गई थी। फ्लाइट में तेज झटके लगे शुरु हो गए थे। इससे यात्रियों में डर पैदा हो गया था। पायलट ने श्रीनगर के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) में जानकारी देकर इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी। लैंडिंग के बाद देखा गया कि फ्लाइट की नोज कोन यानी की आगे का हिस्सा टूट गया था। फ्लाइट में 227 यात्री और क्रू मैंबर्स थे जो पुरी तरह सुरक्षित रहे थे। सोशल मीडिया पर टर्बुलेंस के दौरान फ्लाइट के अंदर कई वीडियो भी सामने आए जिसमें लोग अपनी जान के लिए प्रार्थना करते हुए दिखे थे। बच्चे रोते हुए नजर आए थे।
आखिर क्या होता है टर्बुलेंस?
विमान में टर्बुलेंस या हलचल का अर्थ होता है कि हवा के उस बहाव में बाधा पहुंचना, जो विमान को उड़ने में मदद करती है। ऐसा होने पर विमान हिलने लगता है और अनियमित वर्टिकल मोशन में चला जाता है यानी अपने नियमित रास्ते से हट जाता है। इसी को टर्बुलेंस कहते हैं। कई बार टर्बुलेंस से अचानक ही विमान ऊंचाई से कुछ फीट नीचे आने लगता है। यही कारण है कि टर्बुलेंस के कारण से विमान में सवार यात्रियों को ऐसा लगता है, जैसे विमान गिरने वाला है। टर्बुलेंस में प्लेन का उड़ना कुछ हद तक वैसा ही है, जैसे-उबाड़-खाबड़ सड़क पर कार चलाना। कुछ टर्बुलेंस हल्के होते हैं, जबकि कुछ गंभीर होते हैं। किसी भी प्लेन को स्थिर तौर पर उड़ने के लिए जरूरी है कि इसके विंग के ऊपर और नीचे से बहने वाली हवा नियमित हो। कई बार मौसम या अन्य कारणों से हवा के बहाव में अनियमितता आ जाती है, इससे एयर पॉकेट्स बन जाते हैं और इसी वजह से टर्बुलेंस होता है।