अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेकने गए जज के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) की पिस्तौल छीनकर युवक की ओर से आत्महत्या के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। मामले में आज (बुधवार) को सुनवाई हुई। जिसमें डीजीपी गौरव यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए।
सुरक्षा चूक का मामला
कोर्ट ने कहा कि अमृतसर की घटना सीधे तौर पर सुरक्षा में चूक का मामला बनता है। जो कि गंभीर विषय है। इस मामले पंजाब पुलिस की जांच कहां तक पहुंची है। कोर्ट ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी है।
जजों की सुरक्षा का रिव्यू होना चाहिए
हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस को कहा कि जजों की सुरक्षा को रिव्यू किया जाना चाहिए। वीडियो कॉनफ्रेंसिंग में चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी भी हाजिर थे। कोर्ट ने कहां कि जब सुबह वह सैर पर जाते है तो पुलिस पेट्रोलिंग भी नजर नहीं आती है। जजों की सुरक्षा बढ़ाई जाए। वहीं, इस मामले में अब अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।
ये है पूरा मामला
बता दें कि रविवार, 22 सितंबर को एएसआई अश्विनी एस्कॉर्ट जज एनएस शेखावत के साथ थे जो मंदिर में पूजा करने आए थे। अचानक, आदमी ने अधिकारी की पिस्तौल छीन ली और खुद को गोली मार ली। आनन फानन में सिक्योरिटी में मौजूद लोगों ने जज को सुरक्षित किया था। जैसे ही यह मामला मीडिया आया तो पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान ले लिया था।