किसान संगठनों की ओर से पिछले दिन पंजाब बंद का आह्वान किया गया था। किसान आंदोलन के कारण सोमवार को कुछ घंटे पंजाब की रफ्तार थम गई थी। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक ने बंद का ऐलान किया था। वहीं दूसरी ओर आज सुप्रीम कोर्ट में आमरण अनशन पर बैठे हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य पर सुनवाई होगी। डल्लेवाल पिछले 35 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं।
डल्लेवाल ने अस्पताल में इलाज करवाने से किया मना
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अस्पताल में इलाज करवाने से मना कर दिया है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि किसी भी तरह के इलाज के लिए डल्लेवाल को मनाया जाए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाया गया पैनल भी 3 जनवरी को किसानों के साथ बात करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज नवाब सिंह की अध्यक्षता में पैनल भी बनाया था। इस पैनल ने किसानों को वर्चुअल मीटिंग के लिए न्योता भी भेजा। पैनल में हरियाणा बीएस संधू, कृषि एक्सपर्ट दविंदर शर्मा, प्रोफेसर रंजीत सिंह घुम्मन और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के प्रोफेसर डॉ. सुखपाल सिंह शामिल हैं।
किसानों से की जाए बात
किसान प्रतिनिधियों ने कंफर्म किया है कि उनको 3 जनवरी को बातचीज करने का न्यौता भी मिला है। कमेटी बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसानों से बात करके उनकी समस्याओं को सुन लिया जाए और उनसे हाईवे के पास से ट्रैक्टर, ट्रॉली और टेंट हटाने के लिए भी कहा जाए। बेंच ने यह भी कहा था कि हमें यह लगता है कि किसानों को विश्वास में लेना बहुत जरुरी है। बिना देरी के शंभू बॉर्डर और हाईवे से किसानों को हटाने के लिए कमेटी को जो भी सुझाव दिए जाएंगे उनपर गंभीरत से विचार किया जाए। इससे आम जनता को भी बड़ी राहत मिल सकती है। इसके अलावा किसानों को भी राजनीतिक दलों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
पंजाब बंद का दिखा असर
बीते दिन सोमवार को सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक कई जगहों पर पंजाब बंद का असर नजर आया। वंदेभारत सहित 172 ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया। वहीं 232 ट्रेनें इसके कारण प्रभावित हुई। बड़ी संख्या में दुकानें और कारखाने भी बंद रहे।
डल्लेवाल ने किया इलाज से इंकार
अनशन पर बैठे डल्लेवाल को अस्पताल में ले जाने के लिए हाई कोर्ट की समय सीमा तेजी से नजदीक आने के बीच सोमवार को पंजाब सरकार ने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाना भी शुरु कर दिया है हालांकि उन्होंने फिर से इंकार कर दिया है कि वो इलाज नहीं करवाएंगे। पिछले कुछ दिनों में पुलिस महानिदेशक जसकरण सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार की एक टीम ने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने का प्रयास भी किया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय भी दिया है। इसके अलावा राज्य सरकार को जरुरत पड़ने पर केंद्र सरकार से सहायता लेने के लिए भी कहा है।