राजस्थान में गुरसिख लड़की को लोकसेवा आयोग की तरफ से करवाए जा रहे ज्यूडिशियल एग्जाम नहीं देने दिया गया। क्योंकि गुरसिख लड़की ने कृपाण पहनी हुई थी। मामले के सामने आते ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इसकी निंदा की है और लड़की को कृपाण उतारने के लिए कहने पर विरोध भी जताया है।
परीक्षा केंद्र के अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए
एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने गुरसिख लड़की को एग्जाम सेंटर में जाने से रोकना संविधान का उल्लंघन है। हम इसकी कड़े शब्दों में विरोध करते हैं। गुरसिख लड़की को को ज्यूडिशियल एग्जान से रोकने वाले परीक्षा केंद्र के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
भारत का संविधान सिखों को कृपाण रखने का अधिकार देता है
उन्होंने आगे कहा कि भारत के संविधान के अनुसार सिखों को कृपाण धारण करने का पूरा अधिकार है और सिख रहत मर्यादा के अनुसार कोई भी अमृतधारी सिख पांच सिख ककारों को अपने शरीर से अलग नहीं कर सकता है।
सिखों के साथ ऐसा बर्ताव निंदनीय
उन्होंने कहा कि हालांकि सभी जानते हैं कि कृपाण सिखों के पांच गुणों का हिस्सा है और यह सिख पहचान, मौलिक अधिकारों की अभिव्यक्ति भी है, फिर भी सिखों के साथ नफरत का बर्ताव करना बेहद निंदनीय है।