चंडीगढ़ में किसानों ने भाजपा नेताओं को खुली डिबेट करने का चैलेंज दिया था लेकिन इस डिबेट में किसानों अलावा कोई नहीं आया। वहीं किसान नेता उनकी कुर्सियों के सामने बैठे हुए दिखे। किसानों का कहना है कि भाजपा के पास हमारे सवालों के जवाब नहीं है। इसके चलते भाजपा नेता डिबेट से बच रहे हैं। बताते चले कि किसानों को आज शंभू और खन्नोरी बॉर्डरों पर बैठे हुए आज 70 दिन हो गए है।
किसानों ने बीजेपी के 5 बड़े नेताओं की कुर्सियां लगाई हैं। जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष जाखड़ है। किसना नेताओं का कहना था कि आज 23/04/24 को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भाजपा नेताओं का इंतजार किया। लेकिन वह डिबेट में नहीं आए जिसके बाद किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी आगे की रणनीति का ऐलान किया।
सुनील जाखड़ ने मांगों को लेकर बहस करने को कहा था
बता दें कि हाल ही में भाजपा पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने प्रेस को संबोधित करते हुए किसानों से मांगों पर बहस करने को कहा था। सुनील जाखड़ दावा कर रहे थे कि भाजपा सरकार ने देश के किसानों के हित में बहुत कुछ किया है। भाजपा अध्यक्ष की ओर से किसानों को दी गई चुनौती को किसान नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया था। भाजपा नेताओं की ओर से कोई चर्चा या बहस का आयोजन नहीं किया गया।
डिबेट रखने की बताई वजह
जानकारी मुताबिक किसान नेताओं का कहना है कि बीजेपी के सीनियर नेताओं ने टीवी पर कहा था कि किसान बार्डर पर बिना मतलब से बैठे हैं। इनकी मांगे बिल्कुल उचित नहीं हैं। हमारे उम्मीदवारों से सवाल पूछने के बजाय टीवी पर आकर बहस करें। इसलिए हमने डिबेट रखी है।
हमें कोई इनविटेशन नहीं आया
मिली जानकारी अनुसार भाजपा के प्रवक्ता का कहना है कि किसानों के साथ चंडीगढ़ में कई दौर की बातचीत की गई है। वहीं जहां तक आज की बहस की बात है तो उनके नेताओं को कोई इनविटेशन नहीं दिया गया है और ना ही किसी ने उनके नेताओं से टाइम लिया है।
बहस को चुनौती देकर पीछे हटे
किसान नेताओं का कहना है कि किसान कभी भी सरकार से बात करने, चर्चा करने या बहस करने से पीछे नहीं हटे हैं। जबकि मोदी सरकार एमएसपी कानूनी गारंटी से भी, लखीमपुर के किसानों को न्याय जैसी मांग मानने से पीछे हट गई है। इस आंदोलन के दौरान सरकार ने हरियाणा के किसानों की रिहाई की मांग भी मानने से इनकार कर दिया। आज वे बहस की चुनौती देकर पीछे हट गए। वादे तोड़ना, बहस या चर्चा से भागना भाजपा सरकार का स्वभाव बन गया है।
1 मई को दोनों मोर्चों पर मनाया जाएगा मजदूर दिवस
किसान नेता सुरजीत सिंह फूल, जगजीत सिंह दल्लेवाल, मंजीत सिंह राय, गुरअमनित सिंह मांगट, अभिमन्यु कोहाड़ और सुखजीत सिंह खैरा ने प्रेस को संबोधित करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि 22 मई को किसान आंदोलन 2.0 के 100 दिन पूरे हो रहे हैं। इस दिन दोनों सीमाओं पर बड़ी सभाएं होंगी। इसके अलावा ऐलान किया गया कि 1 मई को दोनों मोर्चों पर मजदूर दिवस मनाया जाएगा।