किसानों के दिल्ली कूच को लेकर हरियाणा सरकार की ओर से बंद किए गए शंभू बॉर्डर पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि सरकार हाईवे कैसे बंद कर सकती है? यह टिप्पणी किसानों के प्रदर्शन को लेकर की गई है। कोर्ट ने कहा कोई सरकार किसी हाईवे को कैसे बंद कर सकती है। ट्रैफिक कंट्रोल करना राज्य सरकार का काम है।
5 महीने से अपनी मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन
बता दें कि इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने के आदेश जारी किए हैं, जहां पंजाब के किसान करीब पांच महीने से शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेतृत्व में किसानों को 13 फरवरी को दिल्ली मार्च करना था, लेकिन हरियाणा सरकार ने शंभू सीमा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़े-बड़े बैरिकेड्स लगा दिए थे। ताकि किसानों को दिल्ली जाने से रोका जा सके।
हाईकोर्ट ने बैरिकेड्स हटाने का दिया समय
किसान फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और अन्य किसान मांगों को लेकर दिल्ली जाना चाहते थे। इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा सरकार को एक हफ्ते के भीतर ये बैरिकेड्स हटाने का आदेश दिया था।
दोनों राज्यों को इस मामले में शांती बनाने को कहा गया है। इस संबंध में विस्तृत आदेश आना अभी बाकी है। शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाए जाने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया है और राहगीरों के अलावा व्यापारियों और उद्द्योग को काफी परेशानी हो रही है।
इस बार देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में
किसानों का कहना है कि किसान संगठनों का कहना है कि इस बार पूरा फोकस देशव्यापी विरोध प्रदर्शन पर रहेगा। खास तौर पर विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में ज्याद फोकस होगा। इनमें महारष्ट्र, झारखंड, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा शामिल है।
वहीं किसान नेता तेजवीर सिंह पंजोखरा ने कहा कि 14 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक व किसान मजदूर मोर्चा के पदाधिकारियों की अहम बैठक होगी जिसमें दिल्ली कूच के लिए फैसला लिया जाएगा।
9 अगस्त को देशभर करने जा रहे प्रदर्शन
संगठन ने कहा कि 9 अगस्त को एसकेएम अपनी मांगों के समर्थन में देशभर में प्रदर्शन करके भारत छोड़ों दिवस को कार्पोरेट भारत छोड़ों दिवस के रूप में मनाएगा।