Scientists Told the Reason for This : हर इंसान की जीभ अलग तरह से स्वाद का अहसास करती है क्योंकि उसकी संरचना अलग तरह की होती है. एक डिश का स्वाद हर इंसान को अलग-अलग लग सकता है. अभी तक इसकी वैज्ञानिक तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी थी। एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया है कि यह सच है इंसान के शरीर में जीभ अनोखा अंग होता है। इसी की वजह से हम इंसान अलग-अलग स्वादों की पहचान कर पाते हैं। वैज्ञानिक इसे एक दूसरे नजरिए से भी देख रहे हैं। अगर कुछ खास लोगों या जनसंख्या के लिए उनके स्वाद क्षमता के अनुसार भोजन तैयार किया जा सके जिससे वे सही पोषण के साथ खाने का भी आनंद ले सकें, तो एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
हर व्यक्ति का खास तरह का स्वाद
कई लोग मानते हैं कि हमारी जीभ में कई महीन सूक्ष्मजीवियों के समुदाय रहते हैं और इसके साथ ही उनकी सतह की संरचना हमारी जीभ को खास बना देते हैं। साइंटिफिक रिपोर्ट में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया है कि जीभ में स्वाद की ग्रथियां अलग तरह का आकार और संरचना बनाती हैं जिससे हमें खास तरह के स्वाद पसंद होते हैं. ऐसा हर व्यक्ति के साथ अलग तरह से होता है।
जीभ की महीन संरचना ने चौंकाया
वैज्ञानिकों का कहना है कि जीभ की महीन संरचना ने उन्हें पूरी तरह से चौंका कर रख दिया. जीभ में स्वाद और स्पर्श की पैपिले नाम की बड्स होती हैं जो कई तरह के आकार और स्थितियों के स्वरूप बनाती हैं। इस पैपिले की 48 फीसदी की सटीकता से पहचान हो सकती है. हर इंसान की जीभ में इसका अलग होना वैज्ञानिकों के लिए हैरान करने वाली बात थी।
200 स्वाद महसूस करने की क्षमता
जीभ में फंजीफॉर्म पैपिले की संरचना से पता चलता है कि कोई चीज मीठी, खट्टी, या नमकीन है या किसी और स्वाद की. हर एक वर्ग सेमी में ऐसे 200 स्वाद महसूस करने वाले पैकेट होते हैं. वहीं फिलिफॉर्म पैपिले स्वाद नहीं ले पाते हैं लेकिन छूकर पदार्थ को महसूस करते हैं जिससे पता चलता है कि उसमें कितना चिकनापन या रसीलापन है।
85 फीसदी सटीकता हासिल की
लार की उपस्थिति इस अहसास पर असर डालती है. इससे हमारे दिमाग तक संदेश पहुंचता है कि हम कितने भूखे हैं। शोधकर्ताओं ने 15 लोगों के दो हजार पैपिले की 3डी स्कैनिंग की और एआई की मदद से हर आकार को स्वाद और स्पर्श से जोड़ा। उन्होंने पैपिले के प्रकार की पहचान में 85 फीसदी सटीकता हासिल की।