जालंधर के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने वीरवार को एक 85 वर्षीय महिला की जान बचाई। बुजुर्ग महिला का बी-नेगेटिव ब्लड ग्रुप था। जो जालंधर में कहीं भी नहीं मिल रहा था। जब इस बारे में डीसी विशेष सारंगल से परिवार के मैंबरों ने बात की तो वह खुद ब्लड देने के लिए अस्पताल पहुंच गए और यूनिट देकर महिला की जान बचाई।
बुजुर्ग महिला जालंधर से घई अस्पताल में दाखिल थी। जिसे इंटर्नल ब्लीडिंग के चलते बी-नेगेटिव ब्लड चाहिए था। यह ब्लड नार्थ इंडिया में काफी काम पाया जाता है।पूरे शहर में काफी देर से उक्त ब्लड ग्रुप का यूनिट तलाशा जा रहा था। मगर नहीं मिला। आखिर में डीसी ने ब्लड दिया।
पहले भी दे चुके हैं ब्लड डीसी
अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेडेंट डॉ. एचएस भुटानी ने बताया कि करीब तीन महीने ब्लड कैंप लगाया था। जहां डीसी विशेश सारंगल विशेष रुप से उपस्थित हुए और वहां उन्होंने ब्लड डोनेट किया। डाक्टर ने बताया कि बुजुर्ग महिला को ब्लड की सख्त जरुरत थी। क्योंकि 6 ग्राम ही ब्लड बचा था। अगर समय रहते ब्लड न चढ़ाया जाता तो महिला की जान भी जा सकती थी।