Competition between grandson and granddaughter of Chaudhary Bansilal : हरियाणा के भिवानी के चार हलकों में सबसे हॉट सीट तोशाम की बात करें तो यहां बंसीलाल के पोते और पोती के बीच टक्कर देखने को मिलेगी। कांग्रेस ने क्रिकेट प्रशासक से नेता बने अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है जबकि BJP से उनका मुकाबला अपनी बहन श्रुति चौधरी से है। श्रुति चौधरी बंसीलाल के छोटे बेटे दिवंगत सुरेंद्र सिंह और BJP नेता किरण चौधरी की बेटी हैं। अनिरुद्ध चौधरी, रणबीर सिंह महेंद्र के बेटे हैं। महेंद्र, बंसीलाल के बड़े बेटे हैं।
तोशाम में बंसीलाल परिवार का रहा दबदबा
तोशाम सीट जाट बहुल सीट है। यहां पूर्व सीएम बंसीलाल के परिवार का दबदबा रहा है। हरियाणा बनने के बाद इस सीट पर 14 बार चुनाव हुए। 12 बार बंसीलाल परिवार ने जीत दर्ज की। बंशीलाल, बेटे सुरेंद्र सिंह, बहू किरण चौधरी विधायक और मंत्री बने। 2005 में हेलीकॉप्टर हादसे में सुरेंद्र सिंह का निधन हो गया। 2005 के उपचुनाव में किरण चौधरी इस सीट से विधायक बनीं।
किरण चौधरी 2005 से लगातार रहीं विधायक
2005 से किरण चौधरी लगातार विधायक रही हैं। अब BJP भी इसमें शामिल हो गई हैं। इस बार किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को टिकट मिला है। कांग्रेस से उनके खिलाफ उनके ही भाई अनिरुद्ध चौधरी को उतारा है। वहीं, भाई बनाम बहन के बीच बिछी सियासी बिसात पर BJP से टिकट नहीं मिलने के चलते पूर्व विधायक शशि रंजन परमार ने निर्दलीय ताल ठोक दी है, जिससे तोशाम सीट का मुकाबला काफी रोचक बन गया है।
श्रुति चौधरी का कमजोर और मजबूत पक्ष
तोशाम विधानसभा सीट पर BJP प्रत्याशी श्रुति चौधरी का मजबूत पक्ष यह है कि उनकी मां किरण चौधरी और पिता सुरेंद्र सिंह तीन-तीन बार विधायक रह चुके हैं। श्रुति चौधरी खुद भी 2009 में सांसद रही हैं। BJP से चुनावी मैदान में उतरने से गैर-जाट वोटों का झुकाव उनकी तरफ हो सकता है। हालांकि बंसीलाल के वोटर्स और जाट वोटर्स को साधना चुनौती होगी। BJP के पूर्व विधायक शशि रंजन परमार निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने से भी BJP का वोट बंटना तय माना जा रहा है।
अनिरुद्ध चौधरी का कमजोर और मजबूत पक्ष
तोशाम सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अनिरुद्ध चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के इकलौते पोते होने के साथ पूर्व विधायक रणबीर महेंद्रा के बेटे हैं। लिहाजा बंसीलाल का परंपरागत वोट उनके खाते में जा सकता है। दूसरी ओर अनिरुद्ध पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे है। ऐसे में तोशाम को वोटर्स को साधना उनके लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। तोशाम सीट चौधरी बंसीलाल की परंपरागत सीट मानी जाती है। बंसीलाल 7 बार चुनाव लड़े, 6 बार विधायक बनने में सफल रहे।