पंजाब में चार सीटों पर होने वाले उपचुनावों का ऐलान हो गया है। 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को रिजल्ट की घोषणा की जाएगी। इसकी जानकारी चुनाव आयोग ने दी है। लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई पंजाब की चार विधानसभाओं में उपचुनाव होने हैं, जबकि एक सीट पर उपचुनाव पहले ही हो चुके हैं।
आम चुनाव में हुई थी यह चार सीटें खालीं
2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब की चार विधानसभा सीटें खाली हुई थीं। आम आदमी पार्टी के कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर की बरनाला सीट खाली हो चुकी है, वहीं होशियारपुर की चब्बेवाल सीट पर डॉ. राज कुमार चब्बेवाल के सांसद बनने के बाद सीट खाली है। गिद्दड़बाहा से पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और डेरा बाबा नानक सीट से कांग्रेस के पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा भी लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। इन सभी चारों सीटों पर चुनाव होने हैं।
जालंधर की सीट पर हो चुके हैं चुनाव
जालंधर से आम आदमी पार्टी के विधायक शीतल अंगुराल के इस्तीफा मंजूर होने के बाद आम चुनाव के बाद ही उपचुनाव करवा दिए गए थे। यह सीट आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने जीती थी और वह अब पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाए जा चुके हैं। इस सीट पर पंजाब सरकार ने तुरंत चुनाव करवा लिए थे। जालंधर की यह हॉट सीट विधायक रहे शीतल अंगुराल के भाजपा में जाने के कारण चर्चा में थी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इसे नाक का सवाल बना लिया था। सीएम अपने परिवार के साथ इस चुनाव को जीतने के लिए जालंधर में डेरा जमाकर बैठे भी रहे थे।
आसान नहीं होगी कांग्रेस और आप की राह
पंजाब और हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन नहीं होने के कारण दोनों ही पार्टियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। हरियाणा के परिणाम तो आप के लिए बहुत निराशापूर्ण रहे। अब पंजाब में उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को काफी जोर लगाना पड़ेगा। वहीं कांग्रेस की स्थिति भी पहले से मजबूत नहीं दिखाई दे रही है। भाजपा भी इन चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के लिए तैयारी कस चुकी है। हालांकि अकाली दल की हालत पहले ही पतली है।
उपचुनाव के बाद नगर निगमों के चुनाव की बारी
पंजाब में पंयाचती चुनाव आज हो रहे हैं। इन चुनावों के तुरंत बाद उपचुनाव घोषित हो जाते हैं तो फिर पंजाब सरकार का अगला मिशन नगर निगम चुनाव ही होगा। क्योंकि निगम निगमों के चुनाव दो साल से टल रहे हैं। शहरों में विकास की रफ्तार बहुत धीमी पड़ चुकी है। जिसका खमियाजा रूलिंग पार्टी को उठाना पड़ सकता है। इसलिए दावा किया जा रहा है कि सरकार जल्द ही निकाय चुनाव भी करवाने की तैयारी में है।