उत्तराखंड में मानसून का असर चार धाम यात्रा पर दिखने लगा है। वही अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। जिसके कारण प्रशासन ने लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। बीते कुछ दिनों से बारिश का जारी है। जिसके कारण जगह जगह लैंडस्लाइड हुई है। यमुनोत्री और केदारनाथ पैदल यात्रा को रोका गया है।
बता दे कि केदारनाथ धाम की यात्रा को कुछ घंटों के लिए रोका गया है। फिलहाल, तीर्थ यात्रियों को कुछ समय के लिए सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। यमुनोत्री धाम पैदल यात्रा मार्ग पर नौकैंची के पास हुए भूस्खलन क्षेत्र में मलबा हटाने का काम जारी है। इस बीच प्रशासन की ओर से यमुनोत्री धाम की यात्रा को रोका गया है।
रोकी गई बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब यात्रा
वहीं, दूसरी ओर बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोविंदघाट के पास चट्टान से बोल्डर गिरने के कारण हाईवे बंद हो गया है। इससे बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं को मार्ग में ही रोक दिया गया है।
लोगों से सतर्क रहने की सलाह
उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक दे दी है। वही मौसम विभाग ने देहरादून, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और नैनीताल के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। साथ ही मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और खासकर चारधाम यात्रियों से 25 से 27 जून तक अतिरिक्त सावधानी बरतने की अपील की है। मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों भूस्खलन और जलभराव का खतरा बढ़ सकता है।
चारधाम यात्रा का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा को बहुत जरूरी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, चारों धाम की यात्रा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी कारण हिंदू धर्म से जुड़ा हर एक व्यक्ति कभी न कभी चारधाम की यात्रा पर जाना चाहता है। हिंदू धर्म के ये खास महत्वपूर्ण चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री उत्तराखंड में स्थित हैं। हिंदू धर्म में दो तरह की चार धामयात्रा की जाती है। एक बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा और दूसरी बद्रीनाथ, जगन्नाथ, रामेश्वर और द्वारका धाम की यात्रा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बद्रीनाथ धाम को सृष्टि का आठवां वैकुंठ भी कहा जाता है। यहां भगवान विष्णु छह महीने विश्राम करने के लिए आते हैं। साथ ही केदारनाथ धाम में भगवान शंकर विश्राम करते हैं। केदारनाथ में दो पर्वत हैं, जिन्हें नर और नारायण नाम से जाना जाता है। वह भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से हैं। माना यह भी जाता है कि केदारनाथ धाम के दर्शन के बाद ही बद्रीनाथ धाम के दर्शन किए जाते हैं। ऐसा करने से ही पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।