चारधाम की यात्रा के लिए सरकार और प्रशासन के प्रयास के कारण भी कई श्रद्धालु बिना तीर्थस्थलों के दर्शन किए बिना घर लौटने लगे हैं। प्रशासन ने अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था भी शुरू की थी लेकिन अब तक करीब चार हजार तीर्थयात्री ऋषिकेश से घर लौट चुके हैं।
वापस लौटे तीर्थयात्रियों ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे उत्तराखंड पहुंचने के बाद भी तीर्थों के दर्शन नहीं कर सके। ये उनकी जिंदगी का सबसे बुरा अनुभव है। यात्रियों का कहना है कि उनके पास रजिस्ट्रेशन नहीं था। उनको अस्थायी पंजीकरण के लिए रोका गया था, लेकिन फिर यह व्यवस्था भी बंद कर दी गई। ऑफलाइन पंजीकरण बंद होने पर ऋषिकेश में रोके गए करीब 12 हजार तीर्थयात्रियों को धामों के दर्शन करने के लिए प्रशासन ने अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था की। प्रशासन की योजना थी कि अस्थायी पंजीकरण कर इन यात्रियों को धामों के लिए रवाना किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया।
बिना दर्शन के घर लौट रहे तीर्थयात्री
सोमवार शाम करीब 5 बजे प्रशासन ने अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था भी बंद कर दी। जिन 12 हजार तीर्थयात्रियों के अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था की थी, उनमें से 6 हजार यात्रियों का ही अस्थायी पंजीकरण कराया जा सका। बचे छह से करीब चार हजार तीर्थयात्री बिना दर्शन लौट गए हैं। लेकिन अभी भी करीब ढाई हजार तीर्थयात्री अब भी ट्रांजिट कैंप परिसर व धर्मशालाओं में ठहरे हैं।
चारधाम यात्रा में अब तक 29 श्रद्धालुओं की मौत
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत के साथ ही श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। अब तक करीब 29 लोगों की मौत हो गई है। बता दें कि क्षमता से अधिक भीड़ के पहुंचने के कारण राज्य में चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। ऐसी स्थिति इसलिए बनी क्योंकि काफी संख्या में यात्री बिना रजिस्ट्रेशन कराए भी पहुंच रहे है। इस संबंध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि नियमों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। इस बीच कई लोग ऐसे भी पहुंच रहे हैं, जो आस्था लेकर नहीं बल्कि सिर्फ घूमने के लिए आ रहे हैं और उनकी कुछ हरकतों से लोगों की आस्था को ठेस पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि इस बात पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि कोई यहां आस्था को ठेस न पहुंचाये। किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं।
रील्स-वीडियो बनाने पर लगी पाबंदी
चारों धाम के मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में रील्स या वीडियो बनाने पर पाबंदी लगाई गई है। ऐसे में अगर यात्री अगर चारधाम मंदिर के 50 मीटर के दायरे में फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और रील्स बनाते हुए दिखते हैं तो उनके खिलाफ प्रशासन द्वारा एक्शन लिया जा सकता है।
घोड़ों और खच्चरों की संख्या की गई तय
वहीं अब यमुनोत्री धाम यात्रा पर घोड़ों और खच्चरों की संख्या भी तय कर दी गई है। जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक घोड़े-खच्चर और सारथी जाएंगे। पुलिस ने भीड़ नियंत्रण और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक जानकीचट्टी से यमुनोत्री और यमुनोत्री से जानकीचट्टी तक घोड़े और खच्चर चलेंगे। इस दौरान 800 घोड़े-खच्चर चलेंगे।
400 डॉक्टर तैनात, इनमें 256 एक्सपर्ट
पहली बार चार धाम यात्रा मार्ग पर 400 से ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती है। इनमें 256 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। वहीं उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी में कहा है कि चारों धाम 3 हजार मीटर से ऊपर हैं और पहाड़ों पर रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है। इसलिए श्रद्धालु 7 दिन का प्लान बनाकर निकलें। ताकि घटते-बढ़ते तापमान में शरीर ढलता रहे।