उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 50 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। कमिश्नर ने इसकी जानकारी दी है। इसमें अधिकतर यात्री 60 प्लस के थे और हार्टअटैक से इनकी मौत की वजह बताई गई है। इनमें गंगोत्री में 3, यमुनोत्री में 12, बदरीनाथ में 14 और केदारनाथ में 23 श्रद्धाुलुओं की मृत्यु हुई है।
भीड़ बढ़ने से व्यवस्थाएं चरमराई
बता दें कि क्षमता से अधिक भीड़ के पहुंचने के कारण राज्य में चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। ऐसी स्थिति इसलिए बनी क्योंकि काफी संख्या में यात्री बिना रजिस्ट्रेशन कराए भी पहुंच रहे है। इस संबंध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि नियमों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रील्स-वीडियो बनाने पर लगी पाबंदी
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। इस बीच कई लोग ऐसे भी पहुंच रहे हैं, जो आस्था लेकर नहीं बल्कि सिर्फ घूमने के लिए आ रहे हैं और उनकी कुछ हरकतों से लोगों की आस्था को ठेस पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि इस बात पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि कोई यहां आस्था को ठेस न पहुंचाये। किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं। चारों धाम के मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में रील्स या वीडियो बनाने पर पाबंदी लगाई गई है।
9 लाख से ज्यादा लोगों ने किए चारधाम के दर्शन
कमिश्नर ने कहा कि 10 मई 2024 को श्री केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तथा 12 मई को श्री बदरीनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। उसके बाद से 23 मई 2024 तक चारों धामों में कुल 09 लाख 67 हजार 302 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यमुनोत्री धाम में 01 लाख 79 हजार 932, गंगोत्री धाम में 01 लाख 66 हजार 191, श्री केदारनाथ में 04 लाख 24 हजार 242 और बदरीनाथ धाम में 01 लाख 96 हजार 937 श्रद्धालुओं ने दर्शन किये हैं।
हेलिकॉप्टर एमरजेंसी लैंडिंग पर दी जानकारी
गढ़वाल आयुक्त ने जानकारी दी कि उत्तराखंड के केदारनाथ में पायलट समेत 7 लोगों ले जा रहे एक हेलीकॉपिटर को तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा। जिसके कारण केदारनाथ धाम में यात्रियों से भरे की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी और बड़ा हादसा होने से टल गया। जिसके बाद हेलीकॉप्टर हिमालय मंदिर के पास हेलीपैड से कुछ मीटर की दूरी पर उतरा।
वहीं उन्होंने यह भी बताया कि पायलट समेत विमान में सवार सभी सात लोग सुरक्षित हैं। हेलिकॉप्टर पायलट की सूझबूझ से कई तीर्थ यात्रियों की जान बच सकी।
31 मई तक रेजिस्ट्रेशन बंद
बता दें कि चार धाम यात्रा 10 मई से शुरू है। हलांकि चार धाम यात्रा के लिए 31 मई तक ऑफ लाइन रेजिस्ट्रेशन पर रोक है। जिसके चलते हजारों श्रद्धालु ऐसे हैं, जो हफ्तों से ऋषिकेश-हरिद्वार में अपने रेजिस्ट्रेशन का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उनका रेजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि हफ्तों से इस आस में थेकि बाबा केदारनाथ के दर्शन होगा, लेकिन यह आस टूटती जा रही है।
घोड़ों और खच्चरों की संख्या की गई तय
वहीं अब यमुनोत्री धाम यात्रा पर घोड़ों और खच्चरों की संख्या भी तय कर दी गई है। जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक घोड़े-खच्चर और सारथी जाएंगे। पुलिस ने भीड़ नियंत्रण और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक जानकीचट्टी से यमुनोत्री और यमुनोत्री से जानकीचट्टी तक घोड़े और खच्चर चलेंगे। इस दौरान 800 घोड़े-खच्चर चलेंगे।
हर दिन 25 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे
फिलहाल हर दिन धाम में 25 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं को धाम तक पहुंचाने के लिए 9 हेलिकॉप्टर कंपनियां लगातार लगी हैं।