सर्दियों की शुरूआत हो चुकी है। ठंड के प्रकोप के साथ ही कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जी हां सर्दियों के आते ही खांसी-जुकाम और बुखार के अलावा अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर, ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की तादाद भी बढ़ने लगती है। इसके साथ ही ठंडी हवाओं से दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे भी बढ़ेंगे क्योंकि ठंड इन दो बीमारियों के लिए जानलेवा होती है। जरा सी चूक से नसों के फटने या शरीर में खून का दौरा रुकने का खतरा भी बढ़ जाता है। दिल के मरीजों की संख्या तो इस मौसम में बढ़ जाती है। इसलिए सर्दी के मौसम में विशेष सावधानी की जरूरत होती है।
चिकित्सकों का कहना हैं कि सर्दी के महीनों में दिल के दौरे पड़ने के मामले बढ़ जाते हैं, खासतौर पर सुबह के समय क्योंकि उस समय ब्लड वेसल्स सिम्पेथेटिक ओवर एक्टिविटी के कारण संकुचित होती हैं और अगर वातावरण में धुआं हो तो जोखिम दोगुना हो सकता है। चिकित्सकों के अनुसार, सर्दियों में हवा की धीमी गति और नमी के लेवल में वृद्धि हो जाती है। इस कारण से धुएं की स्थिति बिगड़ने लगती है, क्योंकि प्रदूषक तत्व हवा में नीचे बने रहते हैं और इधर-उधर फैल नहीं पाते। ठंड का मौसम सबसे आम स्वास्थ्य जोखिम है, लेकिन लोग अक्सर इस खतरे को हाइपोथर्मिया या कोल्ड अटैक के रूप में देखते हैं. हालांकि, तापमान में गिरावट नसों और खून के दौरे पर फर्क पड़ता है जो हृदय और मस्तिष्क के लिए भारी पड़ता है.
सर्दियों में दिल का दौरा अधिक आम है और इसके एक नहीं कई कारण होते हैं. जैसे-
1-ठंड के कारण ब्लड वेसेल्स सिकुड़ जाती हैं। इससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। वहीं हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण भी नसों में जमी वसा सख्त होकर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करती है।
2-एनजाइना, या कोरोनरी हृदय रोग के कारण सीने में दर्द की समस्या भी सर्दियों में बढ़ जाती है अगर कोरोनरी धमनियां ठंड में सिकुड़ जाएं।
3-ठंड में दिल को शरीर के स्वस्थ तापमान को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त मेहनत करता है। सर्दियों की हवा इसे और अधिक कठिन बना सकती है क्योंकि इससे आपके शरीर की गर्मी तेजी से कम होने लगती है।
4-अगर आपके शरीर का तापमान 95 डिग्री से नीचे चला जाता है, तो हाइपोथर्मिया आपके हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
5-सर्दियों में हार्डकोर एक्सरसाइज या जिम भी दिल के दौरे की वजह बन सकती है।
6-ठंड का मौसम का इमोशनल स्ट्रेस को बढ़ता है जिससे तनाव हार्मोन का स्तर बढ़ाता जाता है। इससे भी दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा होता है।
ठंड में रखें इन बातों का ख्याल तो कभी नहीं आएगा अटैक या स्ट्रोक
- मौसम के अनुसार पोशाक पहनें, विशेषकर टोपी, दस्ताने और भारी मोज़े।
- अगर आप ठंड में बाहर समय बिता रहे हैं तो खुद को गर्म होने रखें।
- शराब पीने से बचें। शराब आपको वास्तविक गर्मी से अधिक गर्म महसूस करा सकती है और जब आप ठंड में बाहर हों तो यह विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है।
- लंबे समय तक हार्डकोर एक्सरसाइज न करें और न ही फिजिकल काम।
-अपने हाथ बार-बार धोएं। श्वसन संक्रमण से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।
- कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर के साथ ही विटामिन डी, विटामिन बी-12 की जांच कराते रहें।
दिल का दौरा चेतावनी संकेत-
- सीने में दर्द दिल के दौरे का सबसे आम चेतावनी संकेत है।
- मतली या उलटी
- चक्कर आना
- सांस लेने में कठिनाई
- आपके जबड़े, पीठ, गर्दन या कंधों में दर्द, सुन्नता या झुनझुनी
- ठंडा पसीना
- सीने में जलन की अनुभूति
- अचानक थकान होना