गुजरात में नवरात्रों में बड़े जोरों शोरों से गरबा खेला जाता है, लेकिन ऐसे में एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है। गांधीनगर शहर में एक दिन में कम से कम 10 लोगों की दिल के दौरे से मौत हो गई। 21 से 22 अक्टूबर के बीच एम्बुलेंस के लिए 500 से अधिक कॉल्स की गईं। जिसके बाद सरकार ने भी अलर्ट जारी कर ऐसे आयोजनों के आयोजकों से सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा है। जिसमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि लोग अगर अस्वस्थ महसूस करें तो उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस वहां मौजूद हो।
17 साल के बच्चे की गई जान
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मरने वाले लोगों में बड़ौदा को डभोई इलाके के एक 13 वर्षीय बच्चा भी शामिल है। वहीं, कपड़वंज के एक 17 वर्षीय बच्चे की भी गरबा खेलने के दौरान हार्ट अटैक आने से मौत हुई है। दरअसल, 17 वर्षीय वीर शाह ने नवरात्र के छठे दिन पर गरबा में हिस्सा लिया था। जिसके बाद उसकी नाक से अचानक खून बहने लगा और उसे दिल का दौरा आ गया। यही नहीं अहमदाबाद के एक 24 वर्षीय युवक की भी गरबा खेलने के बाद हार्ट अटैक आने से मरने की पुष्टी की गई है।
त्योहार और सर्दियों में क्यों बढ़ रहे दिल के दौरे के मामले
ज्यादा थका देने वाली गतिविधियों के दौरान भी लोग हार्ट अटैक का अनुभव कर सकते हैं, जैसे कि त्योहारों के दौरान या फिर सर्दी के मौसम में, जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। आमतौर पर इसके पीछे एक से ज्यादा वजहें होती हैं, जैसे कि दिल की सेहत कमजोर होना और फिर अचानक से खुद को ज्यादा थका लेना।"
- दिल से जुड़े रोग
कई लोग इस बात से अनजान रहते हैं कि वे दिल की बीमारी के शिकार हो चुके हैं। दिल की धमनी का रोग इन्हीं में से एक है, जिसमें दिल तक खून पहुंचाने वाली वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। जब व्यक्ति त्योहार या फिर सर्दियों के मौसम में थकाने वाली एक्टिविटी करता, तो इससे खून और ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ जाती है, जो दिल के दौरे का कारण बनती है।
- ठंड का मौसम बढ़ाता है ब्लड प्रेशर
सर्दियों का मौसम रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर सकता है और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, जिससे हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यह अतिरिक्त तनाव उन लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है जो पहले से दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं।
- जरूरत से ज्यादा काम कर लेना
त्योहार के समय थकावट सभी को हो जाती है, जैसा कि किसी स्पोर्ट को खेलने से होती है। दिनभर लागातर काम करने से दिल पर तनाव बढ़ता है। अचानक और जरूरत से ज्यादा एक्टिविटी हृदय गति और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है, जिससे संभावित रूप से दिल का दौरा पड़ सकता है।
- भावनात्मक तनाव
छुट्टी के दिन और त्योहार खुशियां तो लाते हैं, लेकिन साथ ही भावनात्मक तनाव भी पैदा करते हैं। इसके साथ जब शारीरिक रूप से भी आप शरीर को थका लेते हैं, तो इसका असर दिल पर तो पड़ेगा ही। एड्रेनालाईन जैसे तनाव हार्मोन हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
- शराब का सेवन
त्योहारों में अक्सर हम सभी फैट्स और चीनी से भरपूर खाने के साथ शराब का सेवन भी ज्यादा ही कर लेते हैं। ऐसा करने से भी धीरे-धीरे दिल की बीमारी पैदा हो सकती है।
दिल की बीमारी के जोखिम को कैसे कम करें?
ऐसे समय में दिल के दौरे के खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि हम एक हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करें, शारीरिक एक्टिविटीज बनाए रखें, तनाव से दूर रहें और हेल्थ चेक खासकर दिल के स्वास्थ्य का चेकअप कराते रहें। समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाने से आप कई बीमारियों के खतरे से बचते हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं अचानक हार्ट अटैक के मामले?
- लोग खान-पान को लेकर काफी निडर और लापरवाह हो गए हैं। बहुत से लोग हेल्दी डाइट न लेकर प्रोसेस्ड, जंक या फिर तैलीय पदार्थ खाना ज्यादा पसंद करते हैं, जो हार्ट अटैक के पीछे एक सामान्य कारण माना जाता है।
- कई बार कुछ लोगों में यह समस्या होती है, लेकिन रूटीन जांच न कराना या फिर नजरअंदाज करने से भी समस्या बढ़ जाती है।
- एक्सरसाइज नहीं करना या फिर शारीरिक गतिविधियों में नहीं शामिल होने से भी हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं।