Anxiety also gives these symptoms like fast heartbeat, suffocation, difficulty in breathing, heart disease : अक्सर चिंता या तनाव की स्थिति में कुछ लोगों की हार्ट बीट्स बढ़ जाती हैं। उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगती है। हर तरफ घुटन और बेचैनी भी महसूस होने लगती है। मानसिक समस्याओं के प्रति जागरुक लोग ही ऐसे लक्षणों को मानसिक समस्या से जोड़कर देख पाते हैं। मनोचिकित्सकों का कहना है कि लोगों को इस बात का यकीन होता है कि ये लक्षण शायद उन्हें ब्लड प्रेशर, फेफड़ों की दिक्कत, पाचन समस्या या दिल की बीमारी के कारण ही होंगे। असल में ये सभी लक्षण साइको सोमैटिक डिसऑर्डर के कारण होते हैं। अत्यधिक चिंता और तनाव की स्थिति में उन्हें शारीरिक लक्षण भी नजर आने लगते हैं।
अचानक तेज सिरदर्द, पेट दर्द या मांसपेशियों में तनाव
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ सत्यकांत त्रिवेदी का कहना है कि एंजाइटी के मरीजों को सिर्फ हृदय रोग का ही शक नहीं होता बल्कि मानसिक समस्या कई अन्य तरह के साइको सोमैटिक लक्षण भी देती है। कई लोगों को अचानक तेज सिरदर्द, पेट दर्द या मांस पेशियों में तनाव महसूस होता है। थकान और पाचन संबंधी समस्याओं के अलावा लोगों को त्वचा में जलन या कोई और दिक्कत महसूस होती है।
कराते रहे नियमित हृदय की जांच, नहीं निकली बीमारी
ओवरथिंंकिंंग पर किताब लिख चुके डॉ सत्यकांत बताते हैं कि मेरे पास आए एक व्यक्ति को एंजाइटी की समस्या थी। वो हर बार पैनिक अटैक पड़ने पर इसे माइनर हार्ट अटैक मानकर हृदय संबंधित सभी जांचें कराते थे। वो अलग-अलग चार कॉर्डियोलॉजिस्ट से मिल चुके थे, लेकिन उनकी घबराहट, तेज हार्ट बीट और सांस न ले पाने के पीछे कोई हृदय रोग सामने नहीं आया। अपने एक रिश्तेदार की मदद से उन्होंने मनो चिकित्सा विभाग में परामर्श ली।
दिल की धड़कन बढ़ना, सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण
डॉ त्रिवेदी कहते हैं कि एंजाइटी से पीड़ित लोगों में दिल की धड़कन बढ़ना, सांस लेने में कठिनाई और मानसिक स्थिति में बदलाव जैसे ओवर थिंकिंग, उदासी बेचैनी जैसे लक्षण भी दिखते हैं। वहीं, मनोचिकित्सक डॉ अनिल शेखावत का कहना है कि जो लोग एंजाइटी की समस्या के बारे में बिल्कुल भी नहीं जानते। उनके लिए दिल और दिमाग में समस्या में अंतर करना सबसे मुश्किल होता है।
दिल की बीमारी से जूझ रहे लोगों को घबराहट जैसी समस्या
एंजाइटी के मरीजों में दर्द और बेचैनी के लक्षणों पर सवाल जवाब करके मनोचिकित्सक आसानी से यह पता लगा सकते हैं कि उक्त व्यक्ति को हृदय रोग की समस्या है या फिर एंजाइटी या डिप्रेशन की प्रॉब्लम है। अक्सर दिल की बीमारी से जूझ रहे लोगों को घबराहट, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होती हैं। यही लक्षण एंजाइटी से जूझ रहे अधिकतम लोगों में भी दिख जाते हैं। ऐसे लक्षणों पर कई लोग हृदय रोगों की जांच भी कराने लगते हैं।
हृदय रोग और मानसिक समस्याओं के लक्षणों में ऐसे करें अंतर
डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कॉर्डियोलॉजिस्ट और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पुनीत अग्रवाल कहते हैं कि अक्सर हृदय रोग और मानसिक समस्याओं में एक से लक्षण हो जाते हैं, लेकिन दोनों में स्थितियां अलग अलग होती हैं। डॉ पुनीत अग्रवाल कहते हैं कि मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों को चलने फिरने या मेहनत करने के दौरान ये लक्षण नहीं आते। उनके साथ यह अक्सर खाली बैठने या काम न करने के दौरान होता है।
मानसिक समस्या से जूझ रहे लोगों में ज्यादातर दिखते हैं लक्षण
वहीं, हृदय रोगों के मामले में अगर व्यक्ति मेहनत करता है, ज्यादा देर पैदल चलता है तो उसे ये दिक्कत महसूस होती है। आसान भाषा में कहें तो एंजाइटी या डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों में ज्यादातर आराम से खाली बैठने के दौरान ये लक्षण दिखते हैं। सबसे बड़ी बात कि उनके ये लक्षण अपने आप चले भी जाते हैं लेकिन हृदय रोगियों को बिना दवा लिए या बगैर आराम किए राहत नहीं मिलती।