पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को एंटी रेप बिल पास हो गया है। ममत बनर्जी सरकार ने इस बिल को आरजी कर मेडिकल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और फिर मर्डर के बाद पेश किया था। नए कानून के तहत रेप केस की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी। पीड़िता के कोमा में जाने या मौत होने पर दोषी को 10 दिन में फांसी की सजा होगी।
बता दें कि भाजपा ने बिल का समर्थन किया है। बिल को अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024 (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) नाम दिया गया है। अब इसे राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस के पास भेजा जाएगा। उसके बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा। दोनों जगहों से पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा।
बहस के दौरान इन रेप केस का किया जिक्र
विधानसभा में बिल पर बहस के दौरान सीएम ममता ने साल 2020 में उत्तर प्रदेश के हाथरस में 20 साल की दलित महिला के साथ रेप और 2013 में बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में एक कॉलेज स्टूडेंट की रेप और बर्बर हत्या के साथ ही पिछले हफ्ते जयपुर में एक सरकारी अस्पताल में एक बच्चे के रेप का जिक्र किया।
उन्होंने कहा यूपी और गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर असामान्य रूप से ज्यादा है। वहां न्याय नहीं है, लेकिन बंगाल की महिलाओं को अदालतों में न्याय मिलेगा।
सख्त कानून बनाने की कही थी बात
बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर हुआ था। इसके बाद देशभर में डॉक्टरों और राजनीतिक दलों के प्रदर्शन के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि वो राज्य में रेप जैसे अपराध के लिए सख्त कानून बनाएंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री को भी इसके लिए दो बार चिट्ठी लिखी थी।
क्या है बिल का मकसद
बंगाल सरकार ने बिल को अपराजिता वुमन एंड चाइल्ड बिल 2024 नाम दिया है। इसका मकसद वेस्ट बंगाल क्रिमिनल लॉ एंड अमेंडमेंट बिल में बदलाव कर रेप और यौन शोषण के मामलों में महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा बढ़ाना है।
रेपिस्ट को उम्रकैद दी गई तो जेल की अवधि क्या होगी?
बिल में कहा गया है कि रेप-गैंग रेप के दोषी को उम्रकैद की सजा दी जाए। इसमें उसे सारी उम्र जेल में रखा जाए। इस दौरान उसे पैरोल भी ना दी जाए। मौजूदा कानून के तहत उम्र कैद की कम से कम सजा 14 साल है। उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद सजा माफी हो सकती है, पैरोल दी जा सकती है। सजा कम भी की जा सकती है, लेकिन जेल में 14 साल बिताने होंगे।
एंटी रेप बिल के बारे में जानिए
- इस बिल के भीतर रेप और हत्या करने वाले आपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान।
- चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान।
- 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी।
- अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान।
- हर जिले के भीकर स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान।
- रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स लेगी एक्शन।
- रेप के साथ ही एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर, इसके लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान।
- पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ 3-5 साल की सजा का प्रावधान।
- विधेयक में रेप की जांच और सुनवाई में तेजी लाने के लिए BNSS प्रावधानों में संशोधन शामिल।
- सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान।