खबरिस्तान नेटवर्क: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। फरवरी के ड्रग अलर्ट में देश में बन रही 103 दवाईयों के सैंपल फेल हो गए हैं। इसमें से 36 दवाईयां सिर्फ हिमाचल प्रदेश में बनी है। हिमाचल प्रदेश में बनी हुई 45 दवाईयों के साथ-साथ देश में बनी 186 दवाईयों के सैंपल फेल हो गए हैं। जून में आई ड्रग अलर्ट में सोलन जिले की 33, सिरमौर की 9 और ऊना जिले की तीन दवा कंपनियों के सैंपल फेल हो गए हैं। इन दवाईयों में पेट के कीड़े मारने वाली दवाई, सीने में जलन मिटाने वाला इंजेक्शन, बुखार में संक्रमण खत्म करने वाली दवाई, गैस्ट्रिक के दौरान लगने वाला इंजेक्शन और बैक्टीरिया खत्म करने वाली दवाईयां शामिल हैं।
बद्दी की कंपनी के एक साथ दो सैंपल हुए फेल
बद्दी की कंपनी के एक साथ दो सैंपल फेल हुए हैं। इसमें उच्च रक्तचाप पर लगने वाले टीका टेल्मीसार्टन शामिल हैं। कालाअंब की डच फॉर्मूलेशन कंपनी की तीन दवाईयों के फेल सैंपलों में इंफेक्शन की ऑफ्लोक्सिन, छाती के इंफेक्शन की एजिथ्रोमाइसिन शामिल है।
नालागढ़ की पैराडॉक्स फार्मास्यूटिकल के 4 सैंपल हुए फेल
वहीं नालागढ़ की पैराडॉक्स फार्मास्यूटिकल के 4 सैंपल फेल हुए हैं। एजिथ्रोमाइसिन के 2, अमॉक्सिलिन का 1, गैस्ट्रिक का एक सैंपल मानकों पर खरा नहीं उतरा है। बद्दी की मेडिपोल फार्मास्यूटिकल की दर्द निवारक दवा ब्रूफिन और आयरन का सिरप भी शामिल है। राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने कहा कि कंपनियों को नोटिस जारी करके स्टॉक वापिस मंगवाए जाएंगे।