खबरिस्तान नेटवर्क: सड़क दुर्घटनाएं कम करने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है। ऐसे में अब दुर्घटनाओं को देखते हुए सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए और ट्रैफिक के कारण होने वाली दिक्कतों को कम करने के लिए एक नया उपकरण लाया है। वाहन की गति को मापने के लिए अब रडार सिस्टम का इस्तेमाल होगा। सरकार ने विधिक माप विज्ञान नियम 2011 के अंतर्गत वाहनों की गति मापने वाले रडार के लिए नए नियम बनाए हैं। यह नियम एक जुलाई से लागू होंगे।
सुरक्षा जरुरतें होंगी पूरी
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने दिए गए बयानों में कहा कि जब नए नियम लागू होंगे तो उससे उद्योगों और प्रवर्तन एजेंसियों को प्रावधानों का पालन करने के लिए पूरा समय मिलेगा। ये सड़कों पर वाहनों की गति मापने के लिए व्यापक तौर पर उपयोग होने वाले 'माइक्रोवेव डॉपलर रडार' उपकरण पर लागू होंगे। यह नियम विस्तृत तकनीकी और सुरक्षा जरुरतों को पूरा करेंगे। ऐसे उपायों से प्रौद्योगिकी विश्वसनीयता और कानूनी जवाबदेही को भी बढ़ावा मिलेगा।
सभी पक्षों को होंगे फायदे
नए ढांचे की मानें तो सभी गति मापक उपकरणों को ठीक से देखा जाएगा। वहीं तैनाती से पहले अधिकारिक सत्यापन और मुहर हासिल करनी होगी। इस प्रक्रिया का उद्देश्य गति और दूरी माप के लिए स्टीक आंकड़ों की गारंटी देनी पड़ेगी। यह यातायात कानून को लागू करने के लिए जरुरी है। इन नियमों के कार्यान्वयन से सभी पक्षों को कई फायदे होंगे।
नियामकीय ढांचा करवाना होगा स्थापित
आम लोगों के लिए रडार आधारित गति माप उपकरणों का अनिवार्य सत्यापन और स्टाम्पिंग गति, सीमाओं के स्टीक प्रवर्तन को सुनिश्चित करेगी। इससे अनुचित दंड रुकेगा और सड़क सुरक्षा में उल्लेखनीय बढ़ोतरी भी होगी। उद्योगों के लिए विशेष तौर पर रडार आधारित गति मापन उपकरणों के विनिर्माण में शामिल उद्योगों के लिए नियम अंतराष्ट्रीय मानकों के अनुरुप एक साफ तकनीकी और नियामकीय ढांचा स्थापित करेंगे।