भारत सरकार ने विदेश यात्रा करने वाले लोगों के लिए एक नया कदम उठाया है। अब विदेश यात्रा करने वालों की कई तरह की निजी जानकारी सरकार जुटाएगी। इसमें वो सब देखेंगे कि यात्री कब, कहां और कैसे यात्रा कर रहे हैं। इसका खर्च किसने और कैसे उठाया है कौन कब कितने बैग लेकर किस सीट पर बैठा है इसकी जानकारी भी ली जाएगी।
5 साल तक डेटा होगा स्टोर
यात्रियों का पूरा डाटा 5 साल तक स्टोर करके रखा भी जाएगा। यदि जरुरी हो तो सरकार इसको बाकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ भी शेयर कर सकती है। यह नियम 1 अप्रैल से लागू हो सकते हैं। सभी एयरलाइन्स को इस बारे में निर्देश भी दे दिए जा चुके हैं।
तस्करी पर लगाना चाहते हैं लगाम
यह कदम तस्करी पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है। सीमा शुल्क विभाग की ओर से भी समय-समय पर डेटा का आंकलन किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति विदेश यात्रा के दौरान संदिग्ध पैटर्न में दिखता है तो उसकी तुरंत जांच शुरु हो जाएगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने हाल ही में विदेशी मार्गों वाले सभी एयरलाइन्स को 10 जनवरी तक नए पोर्टल एनसीटीसी-पैक्स पर पंजीकरण करने के लिए भी कहा है।
सरकार इस रजिस्ट्रेशन के बाद 10 फरवरी से कुछ एयरलाइन्स के साथ पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डेटा शेयरिंग ब्रिज शुरु करना चाहती है इसलिए उन्होंने इस पर काम करने का सोचा है। इसके अलावा अप्रैल से यह व्यवस्था पूरी तरह शुरु हो जाएगी। बोर्ड की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार, डेटा कलेक्शन नियम 2022 से लागू हुआ था लेकिन अब इसको अनिवार्य कर दिया जाएगा।