Android 15: स्मार्टफोन मार्केट के बाजार पर एंड्रॉयड और iOS का ही कब्जा है। जब बात नए फीचर्स की आती है तो एंड्रॉयड को एक एज मिला हुआ है। ऐसा भी नहीं है कि iOS में नए फीचर नहीं आते मगर एंड्रॉयड सिस्टम तो साल दर साल झड़ी लगाए रहते हैं। लेकिन अब कुछ उल्टा हो रहा है।
सबसे पहले ये फीचर आईफोन में आया और अब गूगल बाबा इसको एंड्रॉयड 15 के साथ अपने सिस्टम में इनेबल करने की तैयारी में है। इसका जवाब तो सभी को पता है मतलब अच्छा फीचर है। दूसरा ये भी है कि नया बताने के लिए कुछ तो होना चाहिए (एंड्रॉयड यूजर्स दिल पर ना लें क्योंकि ये बात iOS पर भी लागू होती है)। दोनों ही प्लेटफॉर्म के नए ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ कुछ बड़ा बदलाव नहीं होता। जैसे सुनने में आया है कि iOS 18 में एप्पल आईडी का नाम एप्पल अकाउंट होगा।
HAL ब्लूटूथ बेस्ड टेक्नोलॉजी
मतलब स्विच ऑफ फोन को सर्च करने का फीचर लाने की मोटा-माटी वजह तो पता चल गई। अब कैसे करेगा वो समझते हैं। मतलब इसके पीछे की तकनीक कैसे काम करती है। HAL मतलब Hardware Abstraction Layer जो एक ब्लूटूथ बेस्ड टेक्नोलॉजी है।
फोन हो गया है भले ही स्विच ऑफ
ये ब्लूटूथ की मदद से काम करेगा इस तकनीक की मदद से फोन भले स्विच ऑफ हो, उसका ब्लूटूथ ऑन रहता है। तकनीक की खूबी ये कि भले ब्लूटूथ ऑन है मगर वो बैटरी पर बोझ नहीं बनता। ब्लूटूथ ऑन रहता है और वो नजदीक के दूसरे फोन से खुद को कनेक्ट करता है।
यहां शायद आपको लगे कि ऐसा करने से तो यूजर की निजता खतरे में पड़ सकती है। लेकिन ऐसा नहीं है। ब्लूटूथ सिग्नल एक तयशुदा फ्रीक्वेंसी पर कनेक्ट होते हैं। आसान भाषा में कहें तो जैसे कोई घर के बाहर से हेलो बोलकर चला जाए तो उसको घर में घुसना नहीं कहेंगे। इसके साथ ऐसी फ्रीक्वेंसी किसी एक फोन को पकड़कर नहीं रहती।
पिक्सल 8 डिवाइस के लिए फिलहाल काम करेगा
HAL यही करेगा लेकिन हाल फिलहाल के लिए पिक्सल8 डिवाइस में ऐसा इसलिए क्योंकि बाकी दूसरे स्मार्टफोन मेकर्स को इसके लिए अपने डिवाइसेज में जरूरी हार्डवेयर फिट करना पड़ेगा। इसमें कोई चिंता की बात नहीं क्योंकि यही तो तकनीक का सबसे मजबूत पक्ष है।