अब मोबाइल फोन स्क्रैपिंग पॉलिसी लागू की जाएगी। इसमें आपके 5 साल पुराने फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाया जाएगा। इसकी वजह सरकार की तय स्पेशिफिक एबजॉब्पर्शन रेट यानी SAR वैल्यू है। ये दावा इन दिनों सोशल मीडिया खासतौर पर इंस्टाग्राम पर किया जा रहा है।
हालांकि यह दावा पूरी तरह से गलत है क्योंकि सरकार ने पहले से SAR वैल्यू के स्टैंडर्ड तय किए हैं, जिसे हर एक स्मार्टफोन कंपनियों का मानना होता है। साथ ही स्मार्टफोन बॉक्स पर SAR वैल्यू की डिटेल भी दी जाती है। टैलीकम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट की तरफ से किया जा रहा है लेकिन डिपार्टमेंट की तरफ से ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं की गई है। आप जब तक चाहें अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन कितना है?
इसे SAR वैल्यू से पता किया जाता है। बता दें कि वैसे तो हर एक डिवाइस के लिए अलग-अलग SAR वैल्यू तय की गई है। हालांकि आमतौर पर माना जाता है कि किसी डिवाइस का SAR वैल्यू 1.6 W/Kg से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यह कोई नया नियम नहीं है। इसे भारत सरकार की ओर से 1 सितंबर 2013 को लागू कर दिया गया था।
फोन के बॉक्स पर किसी भी डिवाइस की SAR वैल्यू दी जाती है। लेकिन अगर आपके पास बॉक्स मौजूद नहीं है, तो आप स्मार्टफोन में *#07# डॉयल करना होगा। इस तरह आप SAR वैल्यू की डिटेल हासिल कर पाएंगे।