खबरिस्तान नेटवर्क : हेपेटाइटिस लीवर से जुड़ी एक बेहद गंभीर समस्या है। इसके लक्षणों की पहचान कर समय पर इलाज करना जरूरी है नहीं तो इससे लिवर कैंसर तक हो सकता है। लिवर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। लिवर को शरीर का पावर हाउस भी कहा जा सकता है। यह जरूरी डाइजेस्टिव जूस प्रोड्यूस करता है, जिससे शरीर फिट और तंदुरुस्त रहता है। लिवर में कई तरह के इंफेक्शन भी हो जाते हैं, जो लोगों की मौत की वजह बन सकते हैं।
हेपेटाइटिस के कारण लिवर पर सूजन आ जाती है, जिससे लिवर की कार्य क्षमता कम हो जाती है। इसका सही समय पर इलाज न कराया जाए, तो यह लिवर कैंसर, लिवर सिरोरिस और लिवर फेलियर की वजह बन सकता है। हेपेटाइटिस की वजह से हर साल लाखों लोग मौत का शिकार हो जाते हैं। बता दें कि हेपेटाइटिस और उससे होने वाले लिवर प्रॉब्लम्स के प्रति लोगों को जागरूक बनाने के मकसद से हर साल 28 जुलाई को 'वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे' मनाया जाता है। आपको इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं इसस खबर में जोकि आपके लिए जानना बेहद जरूरी है -
हेपेटाइटिस A, B, C, D, और E विभिन्न प्रकार के हेपेटाइटिस वायरस से होने वाली बीमारियों को दर्शाते हैं, जो लीवर को सड़ा देने वाली इन्फेक्शन से संबंधित होती हैं। इनमें से हर एक प्रकार का हेपेटाइटिस वायरस अलग-अलग तरीके से संक्रमित होता है। जान लें अलग-अलग तरह के हेपेटाइटिस के बारे में।
1. हेपेटाइटिस A
हेपेटाइटिस A वायरस (HAV) फेकल-ओरल माध्यम से फैलता है, जो गंदा पानी पीने और गंदे खाने से संबंधित होता है। यह वायरस आमतौर पर जल्दी ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ लोगों में लंबे समय तक लक्षण बने रह सकते हैं। इसके लिए वैक्सीन उपलब्ध है और हाइजीन के सही प्रबंधन से इससे बचा जा सकता है।
2. हेपेटाइटिस B
हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) खून और बॉडी फ्लूइड्स के माध्यम से फैलता है। यह विषाणु रक्तदान, नशीली दवाओं के सेवन, संभोग और संयुक्त चिकित्सा उपकरणों के अनुचित उपयोग के माध्यम से फैल सकता है। यह लीवर के लिए खतरनाक हो सकता है और कई मामलों में गंभीर भी हो सकता है। इससे बचने के लिए वैक्सीन उपलब्ध है।
3. हेपेटाइटिस C
हेपेटाइटिस C वायरस (HCV) भी ब्लड के जरिए फैलता है और सामान्य रूप से संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह लीवर के लिए खतरनाक है और लम्बे समय तक संक्रमित रहने पर यह लीवर को बुरी तरह से डैमेज कर सकता है। इसका इलाज उपलब्ध है, लेकिन वैक्सीन नहीं है।
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4. हेपेटाइटिस D
हेपेटाइटिस D वायरस (HDV) के लिए व्यक्तियों को पहले से ही हेपेटाइटिस बी संक्रमित होना जरूरी है, क्योंकि यह केवल बी वायरस के साथ ही संक्रमित हो सकता है। एचडी को डीडी नाम से भी जाना जाता है और यह बीमारी भी लीवर के लिए खतरनाक है।
5. हेपेटाइटिस E
हेपेटाइटिस E वायरस (HEV) फेकल- ओरल माध्यम से फैलता है, जो खाने-पीने के गलत तरीके से संबंधित होता है। इसका इलाज भी सामान्य रूप से आयुर्वेदिक चिकित्सा और अच्छे हाइजीन के साथ ठीक हो जाता है।
हेपेटाइटिस के लक्षण
डॉक्टर की मानें तो हेपेटाइटिस संक्रमण के कई लक्षण नजर आते हैं, लेकिन ये बेहद कॉमन होते हैं। ऐसे में इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर जांच करानी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति की आंखों में पीलापन, पेट में तेज दर्द, उल्टी या सूजन, अत्यधिक थकान, भूख न लगना, वजन कम हो जाना और अत्यधिक मोटापा जैसे लक्षण दिखें, तो सावधान होने की जरूरत है।
हेपेटाइटिस वायरस संक्रमणों से ऐसे करें बचाव -
– हेपेटाइटिस से बचने का सबसे कारगर तरीका वैक्सीन है। आप डॉक्टर की सलाह लेकर हेपेटाइटिस की वैक्सीन जरूर लगवा लें।
– यूज्ड सिरिंज का इस्तेमाल भूलकर भी न करें। इससे संक्रमण फैल सकता है। ब्लड चढ़वाने से पहले उसकी जरूरी स्क्रीनिंग करा लें।
– असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं और बॉडी फ्लूड्स के संपर्क में आने से बचें। ऐसा करने से आप हेपेटाइटिस से बचाव कर सकते हैं।
– शराब का ज्यादा सेवन न करें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। अच्छी लाइफस्टाइल से लिवर को हेपेटाइटिस से बचाया जा सकता है।
– जंक फूड्स और अनहेल्दी डाइट को अवॉइड करें। किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर सलाह लें।
ध्यान दें कि हर व्यक्ति इन वायरसों के संक्रमित होने की संभावना बिल्कुल नहीं होती है। इनमें से अधिकांश लोग अपने जीवन भर बिना किसी समस्या के रहते हैं। लेकिन यदि किसी व्यक्ति को इन बीमारियों के लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें तुरंत एक चिकित्सक के पास जाना चाहिए और उचित इलाज करवाना चाहिए।