खबरिस्तान नेटवर्क : कई लोग अच्छी सेहत या धार्मिक वजह से रुद्राक्ष पहनते हैं। कुछ तो इसे आभूषण की तरह पहनते हैं और उन्हें इसके लाभ के बारे में भी नहीं पता होता। बता दें कि रुद्राक्ष का जुड़ाव भगवान शिव से माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि रुद्राक्ष के पेड़ शिव के आंसुओं से बने हैं। धार्मिक महत्व के कारण तो इसे पहना ही जाता है लेकिन इसके सेहत से जुड़े कई फायदे भी हैं।
जी हाँ , रुद्राक्ष पहनने से कई बीमारियां ठीक हो सकती हैं। मुंबई यूनिवर्सिटी के रिसचर्स ने साल 2005 में बताया कि रुद्राक्ष से डायबिटीज और हृदय के रोगियों को काफी फायदा होता है। रुद्राक्ष को गले में पहनना सबसे बेहतर माना जाता है। 108 मनकों वाले रुद्राक्ष को इस तरह पहना जाता है कि वो हृदय के स्थान को बार-बार टच करता रहे। इससे हृदय गति बेहतर होती है।
मानसिक बीमारियाँ ठीक हो सकती हैं
कई एक्सपर्ट अनुसार रुद्राक्ष की माला पहनने से स्ट्रेस या डिप्रेशन नहीं होता। इससे मानसिक बीमारियां ठीक हो सकती हैं। कई लोग सिर पर भी रुद्राक्ष पहनते हैं। जो लोग गंभीर रूप से मानसिक बीमारियों से जूझते हैं वो चार, पांच और छह मुखी वाले 550 मनकों को धागे में पिरोकर पहनते हैं। यह देखने में रुद्राक्ष का मुकुट जैसा होता है। माना जाता है कि इससे मानसिक बीमारियां ठीक होती हैं। वहीं कई लोग मेडिटेशन करने के लिए भी रुद्राक्ष की कई लड़ियां सिर पर पहनते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, रुद्राक्ष के मनकों से कॉन्सन्ट्रेशन, फोकस और मेंटल स्टैमिना बढ़ता है।
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ब्लड प्रेशर कम होता है, स्किन को भी काफी फायदे
रुद्राक्ष के मनके या बीज को पानी से भरे हुए बर्तन में रातभर रखें। सुबह इस पानी को खाली पेट पीने से सेहत को लाभ होता है। इससे ब्लड प्रेशर कम होता है और हार्ट बीट भी नॉर्मल रहती है। रुद्राक्ष का पानी घाव को ठीक करता है। रुद्राक्ष के कई इस्तेमाल हैं। इसके पानी को स्किन पर लगाने से इन्फेक्शन दूर होता है इसे घाव पर लगाया जा सकता है।
रुद्राक्ष के पानी से सर्दी-खांसी भी ठीक होती है। योग में जलनेति के जरिए इसे ठीक किया जाता है। स्किन के जलने पर रुद्राक्ष के पाउडर को चंदन पाउडर या नारियल के तेल में मिलाकर लगाया जा सकता है। रुद्राक्ष मिले पानी से स्नान करने पर स्किन भी बेहतर होती है। रुद्राक्ष के पाउडर से फेस मास्क भी तैयार किया जाता है।
रुद्राक्ष धारण करने के नियम
रुद्राक्ष का सीधा संबंध भगवान शिव से माना गया है। भगवान शिव से जुड़े होने के कारण रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसलिए इसे धारण करने को लेकर कई नियम हैं। रुद्राक्ष की माला बनवाते समय ध्यान रखें कि उसमें कम से कम 27 मनके जरूर हों।
वैसे सबसे बेहतर 108 मनकों वाला रुद्राक्ष होता है। कई बार लोग एक मनके वाला रुद्राक्ष भी गले में पहनते हैं।
- रुद्राक्ष सुबह स्नान के बाद धारण करें और रात में बिस्तर पर जाने से पहले निकाल कर रख देना चाहिए। रुद्राक्ष को बिना स्नान किए नहीं छूना चाहिए। स्नान से शुद्ध होने के बाद ही इसे धारण करें।
- रुद्राक्ष को शरीर से उतारने के बाद उसे किसी पवित्र स्थान पर रख देना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करते समय रुद्राक्ष मूल मंत्र का 9 बार जाप करें। इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें।
- रुद्राक्ष को तुलसी की माला की तरह की पवित्र माना जाता है।
- किसी दूसरे का पहना हुआ रुद्राक्ष कभी न पहनें और न ही अपना रुद्राक्ष किसी और को पहनाएं।
- टॉयलेट जाने से पहले इसे उतारना बेहतर होता है।
- श्मशान घाट में रुद्राक्ष पहनकर न जाएं। रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें।