ख़बरिस्तान नेटवर्क : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कुछ ऐसे खुशकिस्मत लोग भी थे जो बच गए। इनमें से एक केरल के 11 लोगों का परिवार भी है। जो लंच में ज्यादा नमक होने के कारण, बैसरन में जा नहीं पाए और उनकी बाल-बाल जान बच गई। उन्होंने अपनी यह आपबीती सोशल मीडिया पर शेयर की है।
ढाबे वाले ने लंच में डाल दिया था ज्यादा नमक
घटना के बारे में कोच्चि की रहने वाली लावान्या ने बताया कि जिस दिन आतंकी हमला हुआ वह अपने परिवार के 10 सदस्यों के साथ पहलगाम जा रहे थे। पहलगाम पहुंचने से पहले वह श्रीनगर में 2 दिन तक घूमते रहे। परिवार में उनके साथ पति एल्बी जॉर्ज, उनके तीन बच्चे, उनके पति के माता-पिता, चचेरी बहन और उनका परिवार शामिल था।
पति की जिद की वजह से लंच करने रूके
हम पहलगाम अच्छे से देखना चाहते थे। हम ऊपर जा रहे थे और वहां से सिर्फ दो किलोमीटर की दूरी पर ही थे। लेकिन एक ढाबे पर हम परिवार के साथ लंच करने के लिए बैठ गए। इस दौरान हमने लंच में मटन रोगन जोश ऑर्डर किया। जिसमें ढाबे वालों ने काफी ज्यादा नमक डाल दिया था। पहले हम लंच छोड़कर जाने वाले थे, पर मेरे पति ने कहाकि हम आज लंच करके ही आगे जाएंगे। जिसके बाद ढाबे वाले ने दोबारा बनाना शुरू किया।
10-20 घोड़े और टैक्सियां नीचे आने लगीं
लंच के दौरान ही हमने देखा कि काफी तेजी से 10-20 घोड़े नीचे की ओर आ रहे हैं। हमें लगा कुछ तो गड़बड़ है क्योंकि जानवर काफी घबराए हुए थे। पहले सोचा कहीं भूस्खलन न हो, फिर जब टैक्सियां नीचे आने लगीं तो हम लगा कि यह भूस्खलन नहीं बल्कि कुछ और है। टैक्सी वालों ने हमें इशारा कर ऊपर न जाने के लिए कहा।
सैलानियों ने बताया CRPF से बहस हुई
लवान्या ने आगे बताया कि उन्हें किसी सैलानी ने बताया कि सीआरपीएफ और सैलानियों के बीच में काफी बहस हो रही है। जिसके बाद हमने आगे न जाने का फैसला। हमने नीचे ही एक-दो जगह पर फोटोज लेना शुरू कर दिए। इस दौरान एक महिला सीआरपीएफ के साथ रोते हुए आई तब सबको यकीन हो गया कि कुछ तो बड़ा हुआ है।
लोगों के फोन, मैसेज से पता लगी जानकारी
इस दौरान ही हमारे दोस्तों और रिश्तेदारों के फोन आने लगे और हमारी सुरक्षा को लेकर सवाल पूछने लगे, इसके बाद जब हमने न्यूज देखी फिर समझ में आया कि हम कितनी बड़ी मुसीबत से बच गए हैं और कितने भाग्यशाली हैं। शुक्र है कि मेरे पति ने दोबारा लंच करने की जिद की। जिसकी वजह से हमारे परिवार की जान बच पाई।