शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल आज श्री दरबार साहिब पहुंच श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश हुए। उन्होंने अकली दल के बागी गुट की ओर से लगाए गए आरोपों पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघवीर सिंह और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह को अपना बंद लिफाफे में लिखित में पत्र सौंपा।
पत्र 5 सिंह साहिबानों की मीटिंग में खोला जाएगा
सुखबीर बादल ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की लेकिन जत्थेदार रघबीर सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा सुखबीर बादल की तरफ से सौंपे गए स्पष्टीकरण को 5 सिंह साहिबानों की मीटिंग में खोला और पढ़ा जाएगा। इस दौरान उनके साथ अकाली दल के सीनियर नेता प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा और बलविंदर सिंह भूंदड़ भी नजर आए।
1 जुलाई को बागी गुट ने माफीनामा सौंपा था
बता दें कि अकाली दल के सीनियर नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा के नेतृत्व में बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। जहां उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को माफीनामा सौंपा था। 15 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर बुलाई गई पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक में सुखबीर बादल को 15 दिन के भीतर पेश होने का सम्मन जारी किया गया था।
कल की कोर कमेटी भंग
अकाली दल ने अचानक कल कोर कमेटी भंग कर दी थी। जिसमें बागी गुट के नेता भी शामिल हैं। पिछले 2 विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अकाली दल में बगावत चल रही है। इसके लिए बागी गुट श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा भी दे चुका है। जिसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को तलब किया था।
लोकसभा चुनाव में सिर्फ 1 ही सीट मिली
आपको बता दें कि अकाली दल को लोकसभा चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा से गठबंधन तोड़कर 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था। लेकिन बठिंडा सीट को छोड़कर पार्टी किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी। बठिंडा से भी बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर चुनाव जीतीं थी।
इस वजह से शुरू हुई बगावत
इसके बाद से ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई थी। पार्टी नेताओं का साफ कहना था कि लोकसभा चुनाव में अकेले जाना गलती थी। अगर भाजपा के साथ चुनाव में जाते तो पार्टी को जीत मिल सकती थी। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में अकाली दल दो सीटें जीतने में कामयाब रहा था। हालांकि उस समय प्रदेश में सरकार कांग्रेस की थी।
माफीनामे में सुखबीर बादल की 4 गलतियों का जिक्र
बागी गुट ने सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है।