पंजाब में पराली जलाने के मामले करीब पचास फीसदी घटे हैं। इस बार धान की कटाई के बाद पराली जलाने के मामलों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। पंजाब सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस साल पराली जलाने के मामलों में 50% की कमी आई है। लेकिन इसके बावजूद पंजाब हवा की क्वालिटी खराब होने लगी है।
सबसे ज्यादा हवा की क्वालिटी लुधियाना और रूपनगर में खराब है।दोनों शहर औरेंज कैटेगरी में आ चुके हैं। वहीं, दिल्ली में भी पिछले कुछ दिन से स्मॉग का असर देखने को मिल रहा है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) औसतन 357 चल रहा है और अधिकतम 500 चल रहा है।
प्रदेश में शुक्रवार शाम तक 766 मामले सामने आए, जो इस बार सबसे अधिक हैं। लुधियाना में स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, 15 सितंबर से 27 अक्टूबर तक राज्य में पराली जलाने के कुल 4088 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल इन महीनों में 8147 और 2021 में 6742 मामले दर्ज हुए थे।
तरनतारन सबसे आगे
पंजाब में शुक्रवार को सामने आए 766 मामलों में तरनतारन नंबर एक पर रहा है। तरनतारन में 104, संगरूर में 98, पटियाला में 97 और अमृतसर में 76 मामले दर्ज किए गए। वहीं 27 अक्टूबर को साल 2021 में 279 और 2022 में 1,111 मामले सामने आए थे।
एक्सपर्ट्स की मानें तो अभी मामले और बढ़ेंगे। दरअसल, इस साल बाढ़ के कारण पंजाब में काफी फसल खराब हो गई थी। इन हालातों में कई जगह बाद में धान की रुपाई की गई। जिसके चलते अभी पराली जालने के मामले आने वाले दिनों में बढ़ने की संभावना है। अगर ये मामलों में बढ़ौतरी हुई तो आने वाले दिनों में पंजाब से लेकर दिल्ली तक तक की हवा अत्यधिक प्रदूषित हो जाएगी।
हर तरफ हवा खराब
पराली के बढ़ रहे मामलों के साथ ही पंजाब के शहरों की हवा भी दूषित होने लगी है। पंजाब के सभी शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) असुरक्षित व खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। AQI के अनुसार 0-50 AQI तक हवा को सबसे अच्छा माना जाता है। 51-100 AQI को सेटिस्फेक्ट्री माना जाता है। जबकि इससे ऊपर की हवा सेहत के लिए अच्छी नहीं मानी जाती।
101 से-200 तक AQI को येलो कैटेगरी में रखते हुए मोड्रेट, 201-300 AQI तक पुअर क्वालिटी कहते हुए ओरेंज कैटेगरी, 301-400 तक वेरी पुअर क्वलिटी कहते हुए लाइट रेड और 401 से ऊपर AQI को स्वेयर कहते हुए डार्क रेड कैटेगरी में रखा जाता है।