चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने खाद्यान्न खरीद के संबंध में समीक्षा को लेकर आज यानी रविवार को FCI के अधिकारियों के साथ अहम मीटिंग की। मीटिंग में मुख्य तौर पर पंजाब में धान प्रबंधन, खरीद, स्टोर सहित अन्य चीजों पर चर्चा की गई। मीटिंग में अधिकारियों के साथ ये भी चर्चा हुई कि किसी तरह किसानों के लिए केंद्र सरकार क्या क्या और कदम उठा सकती है।
पंजाब FCI के अधिकारी ने इस मीटिंग में बताया कि इस सीजन पंजाब में धान की खरीद 186 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है। जिसमें से 49.88 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। पंजाब में इस समय 174 लाख मीट्रिक टन पड़ा हुआ है। पंजाब में 116.20 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) चावल और 58.07 एलएमटी गेहूं, यानी कुल 174.27 एलएमटी का भंडारण किया गया है।
रवनीत बिट्टू ने बताया कि पंजाब से उपज के परिवहन के लिए पर्याप्त प्रयास चल रहे हैं।अप्रैल से अक्टूबर तक 2,684 समर्पित रेक के माध्यम से पंजाब से 95.16 एलएमटी धान और गेहूं का ट्रांसपोर्ट किया गया। जिससे राज्य में अतिरिक्त भंडारण क्षमता खाली हुई। भारत सरकार ने राज्य में 31 लाख मीट्रिक टन नई स्टोरेज क्षमता के निर्माण को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि इसमें से 9 लाख मीट्रिक टन क्षमता को पिछले साल मंजूरी दी गई थी और इसके लिए टेंडर को राज्य सरकार द्वारा अंतिम रूप दिया जाना है और पिछले सप्ताह 22 लाख मीट्रिक टन क्षमता को मंजूरी दी गई है। चावल की सुचारू खरीद के लिए FCI के पास वर्तमान में लगभग 15 एलएमटी खाली स्थान है और दिसंबर 2024 तक लगभग 40 एलएमटी स्थान बनाया जाना है और मार्च 2025 तक 90 एलएमटी स्पेस बनाया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले धान और गेहूं के भंडारण का आवंटन अलग-अलग किया जाता था, लेकिन इस बार जहां भी आवश्यक हो, गेहूं के बजाय धान के भंडारण की अनुमति दी गई है। इसके अलावा उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों को उनकी उपज के लिए उचित और समय पर पारिश्रमिक सुनिश्चित करने के लिए एमएसपी भुगतान के लिए 44,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत सरकार ने अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरा किया है, लेकिन अब पंजाब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि यह धनराशि खरीद के 48 घंटे के भीतर किसानों तक पहुंच जाए।
कृषि क्षेत्र को समर्थन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर और समृद्ध कृषि समुदाय के दृष्टिकोण के बारे में बात की। उन्होंने धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में आज ₹2,320 प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी को रेखांकित किया, जो पिछले एक दशक में लगभग ₹1,000 की पर्याप्त वृद्धि दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि किसानों की आय बढ़ाने और कृषि में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
मंत्री ने कहा कि हाल के घटनाक्रमों में, केंद्रीय मंत्रिमंडल के हालिया फैसले के अनुसार गेहूं के एमएसपी में भी ₹150 की वृद्धि की गई है, जो किसानों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की चल रही पहलों में एक और मील का पत्थर है। मंत्री ने कृषक समुदाय को यह भी आश्वासन दिया कि पंजाब भर में कुशल फसल खरीद सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं।
FCI अधिकारियों के साथ केंद्रीय मंत्री की व्यापक समीक्षा पंजाब में किसानों की चिंताओं को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसका उद्देश्य पंजाब की कृषि रीढ़, किसानों की आजीविका को सुरक्षित करने और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार के अटूट समर्थन की पुष्टि करना है।