पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आज (सोमवार) को सुनवाई से पहले तीन जिलों के 9 अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया है। ये अधिकारी पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में असफल रहे हैं। इनके खिलाफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) एक्ट, 2021 की धारा 14(2) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। पिछली सुनवाई में पंजाब और हरियाणा सरकार को गलत जानकारी देने के लिए फटकार लगाई थी।
इन जिलों के अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, मोगा जिले के घरमकोट सब-डिवीजन के किशनपुरा कलां गांव के नोडल अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। तरनतारन में तीन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। फिरोजपुर में, कृषि विस्तार अधिकारी, ड्रेनेज विभाग के एक जूनियर इंजीनियर और तीन पंचायत सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
296 FIR दर्ज की जा चुकी
फिरोजपुर की एसएसपी सौम्या मिश्रा ने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया है। अब तक 296 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें से 121 मामले पिछले चार दिनों में दर्ज किए गए हैं।
डीसी दीप्ति शर्मा ने बताया कि ग्रामीण विकास और सहकारिता विभागों के 102 से ज्यादा अधिकारियों को पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में असफल होने के कारण नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल सख्त उपायों के प्रयासों के कारण 58% की कमी दर्ज की गई है।
1.72 लाख रुपए का जुर्माना, मोगा में 105 मामले दर्ज
मोगा के डीसी विशेष सारंगल ने रविवार को दो एसडीएम, दो एसएचओ और एक बीडीपीओ सहित अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए। सारंगल ने बताया कि पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर, लुधियाना की ओर से पराली जलाने की घटनाओं पर 105 मामले दर्ज किए गए हैं और उल्लंघन करने वाले किसानों पर 1.72 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस संबंधी 61 व्यक्तियों के लिाफ मामला दर्ज किया गया है तथा उनके माल रिकार्ड में रैड एंट्री दर्ज की गई है।
इन अधिकारियों को नोटिस जारी
इन अधिकारियों में एसडीएम सारंगप्रीत सिंह औंजला, एसडीएम बाघापुराना बेअंत सिंह सिद्धू, बीडीपीओ निहाल सिंह वाला रुपिंदर कौर, जसवरिंदर सिंह एसएचओ बाघापुराना, जतिंदर सिंह एसएचओ धर्मकोट, कलस्टर अफसर सुखविंदर सिंह तहसील मोगा, कलस्टर अफसर मनमोहन सिंह तहसील मोगा, नोडल अफसर प्रभदीप सिंह भिंडर कलां, नोडल अफसर राकेश कुमार गांव उमरपुरा, नोडल अफसर राकेश कुमार गांव किशनपुरा कलां, नोडल अफसर संजीव कुमार गांव गिल, नोडल अफर प्रगटजीत सिंह किशनपुरा, नोडल अफसर बलविंदर सिंह निहाल सिंह वाला, नोडल अफसर दविंदर सिंह निहाल सिंह वाला, नोडल अफसर तहसील मोगा जगसीर सिंह शामिल हैं।
क्या हैं CAQM एक्ट की धारा 14(2)?
CAQM एक्ट की धारा 14(2) के तहत अपराध गैर-जमानती हैं। इन पर न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) की ओर से सुनवाई की जाती है। अगर आरोप साबित हों और दोषी करार हो जाए तो इसमें 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। इसके साथ ही पांच साल की सजा, या दोनों भी हो सकते हैं।