मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग शुरू हो गई है। पंजाब विधानसभा का मानसून सत्र सितंबर के पहले हफ्ते में बुलाए जाने की संभावना है। मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। इसके अलावा कैबिनेट में कई अन्य प्रस्तावों पर भी चर्चा होने की संभावना है। वहीं, पंचायत चुनाव बिना सिंबल के लड़े जाने पर और फायर ब्रिगेड में महिलाओं की भर्ती को लेकर नियमों में बदलाव हो सकता है।
कई नीतियों को मिल सकती है मंजूरी
जानकारी मुताबिक, मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली इस अहम मीटिंग में खेल और कृषि से जुड़े मुद्दे पर भी चर्चा होगी। सरकार की ओर से आज कई नई नीतियों को मंजूरी मिल सकती है।
राज्यपाल कटारिया को लिखा था पत्र
बैठक में आगामी विधानसभा सत्र बुलाने पर भी चर्चा हो सकती है और सरकार विधानसभा सत्र बुलाने की प्रक्रिया की घोषणा कर सकती है क्योंकि हाल ही में पंजाब सरकार की ओर से पंजाब के राज्यपाल के कार्यालय को एक पत्र लिखा गया था और राज्यपाल गुलाब चंद कटारियन ने पत्र पर विचार किया और इसे मंजूरी दे दी। जिसके बाद चर्चा है कि सरकार जल्द ही पंजाब विधानसभा का सत्र बुला सकती है।
पंचायत चुनाव को लेकर चर्चा संभव है
संभावना जताई जा रही है कि पंजाब सरकार आगामी कैबिनेट में पंचायत चुनाव कराने को लेकर फैसला ले सकती है। दरअसल, राज्य में पंचायत चुनाव पिछले साल 2023 के आखिरी महीनों में होने थे, लेकिन राज्य सरकार ने किसी कारण से इन चुनावों को कराने में देरी कर दी। जिसके बाद बीते दिन राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से एक पत्र जारी किया गया। जिसके बाद चर्चाओं का दौर तेज हो गया कि सरकार जल्द ही नगर निगम और पंचायत चुनाव करा सकती है।
पंचायत राज एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव लाया जा सकता है
दरअसल, मौजूदा पंजाब सरकार पंजाब पंचायत राज एक्ट 1994 में संशोधन का प्रस्ताव ला सकती है क्योंकि मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार चाहती है कि पंचायत चुनाव बिना पार्टी सिंबल के लड़ा जाए। इसलिए कहा जा रहा है कि पंचायत चुनाव बहुत ही सीमित दायरे तक सीमित होते हैं।
जब उम्मीदवार पार्टियों के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ते हैं तो उनके बीच गुटबाजी बढ़ जाती है। जिससे गांव को नुकसान हुआ है। अब यदि कोई पंचायत चुनी जाएगी। यह किसी पार्टी विशेष के प्रतिनिधियों की पंचायत नहीं होगी और गांव के लोग किसी पार्टी के चुनाव चिह्न पर नहीं, बल्कि एक उम्मीदवार को वोट देंगे।