पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब डीजीपी गौरव यादव को अनलॉफुल एक्टिविटज प्रिवेंशन एक्ट(UAPA) के दुरुपयोग की जांच करने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी गौरव यादव को राज्य में UAPA एक्ट के तहत गलत अपराध दर्ज करने पर रोक लगाने को कहा है।
हत्या के प्रयास के एक मामले से जुड़ी जमानत याचिका, जिसमें पुलिस के इंवेस्टिगेशन ऑफिसर ने एफआईआर में UAPA की धाराएं लगाई थी, पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जज सुरेश्वर ठाकुर और जज सुदीप्ति शर्मा की बैंच ने यह निर्देश दिए।
हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिए
- पुलिस कमिश्नर उन FIR की इन्वेस्टिगेशन की डेली बेसिस पर निगरानी करेगा, जिसमें इंवेस्टिगेशन ऑफिसर UAPA के तहत धाराएं लगाने के लिए सबूत इकट्ठे कर रहा है।
- UAPA के संभावित आरोपियों के खिलाफ इकट्ठी की गई गलत रिपोर्ट पर पूरी समझ का इस्तेमाल करना चाहिए। इसमें देखना चाहिए कि क्या UAPA एक्ट के तहत इस अपराध को शामिल करना जरूरी है
- यदि पुलिस की अपनी ड्यूटी में लापरवाही होती है, तो पंजाब के डीजीपी कानून के मुताबिक दोषी वेस्टिगेशन ऑफिसर के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे।
लुधियाना में दर्ज FIR की सुनवाई पर दिए निर्देश
हाईकोर्ट की जांच में पंजाब डीजीपी को यह निर्देश लुधियाना में दर्ज एक FIR से जुड़े केस पर सुनवाई के दौरान जारी किए। बता दें कि साल 2022 में लुधियाना पुलिस ने एक एफआईआर में आईपीसी की धारा 307, 341, 323, 427, 506, 148, 149, 34 और आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27, 54, 59 के तहत हत्या प्रयास का मामला दर्ज करते हुए उसमें UAPA एक्ट की धारा 13 भी जोड़ दी। इस केस के आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी जिसकी सुनवाई चल रही है।
आरोप यह था कि कुछ लोग शिकायतकर्ता के घर के सामने शराब पी रहे थे। जब शिकायतकर्ता ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो झगड़ा शुरू हो गया। इस झगड़े में आरोपियों ने शिकायतकर्ता व उसके रिश्तेदारों पर फायरिंग कर दी जिसमें वह घायल हो गए। कोर्ट ने कहा कि इस एफआईआर की इन्वेस्टिगेशन के दौरान इंवेस्टिगेशन ऑफिसर ने UAPA की धारा 13 जोड़ दी। जब्कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर आरोप पत्र में इसे हटा दिया गया था।
लुधियाना पुलिस कमिश्नर को भी बुलाया था
पिछली कार्यवाही में अदालत ने पुलिस कमिश्नर लुधियाना को यह बताने के लिए बुलाया था कि UAPA के तहत अपराध जोड़ा गया है या नहीं। राज्य की ओर से पेश वकील ने कहा कि UAPA के तहत अपराध जोड़ा गया था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया और पुलिस ने कानून की मिस इंटरप्रटेशन के कारण पर जोड़ा गया।