ईरान की सेना ने 13 अप्रैल देर रात को इजराइल पर करीब 300 ड्रोन और मिसाइल से अटैक किया था। वहीं अमेरिकी सेना ने कुछ ड्रोन मार गिराए। जिसके बाद यूनाइटेड नेशन ने भी इसकी कड़ी निंदा की। मिडिल ईस्ट में तनाव के चलते इंटरनेशनल ऑयल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर भारतीयों की जेब पर पड़ सकता है।
1 अप्रैल को इजराइल ने सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमला किया था। ईरान ने 12 दिन बाद यानी 13 अप्रैल को इसके जवाब में इजराइल पर 300 मिसाइलों और ड्रोन से अटैक किए।
तेल सप्लाई रूट पर ईरान की कई मिसाइलें तैनात
एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान ने इजराइल पर सीधा हमला करने से एक दिन पहले ओमान की खाड़ी में होर्मुज पास से गुजर रहे एक जहाज पर कब्जा कर लिया था। दुनिया के 20 प्रतिशत तेल की सप्लाई इसी होर्मुज पास से होती है। यहां ईरान की कई सौ बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें तैनात हैं।
जानकारी मुताबिक दोनों देशों में विवाद बढ़ा तो इजराइल इस इलाके से जहाजों की आवाजाही रोक देगा। ईरान स्वेज नहर को भी ब्लॉक करने की धमकी दे चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक स्वेज नहर से हर दिन 5.5 मिलियन बैरल से ज्यादा क्रूड ऑयल की सप्लाई होती है। जानकारी मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 में भारत का 65% क्रूड ऑयल स्वेज नहर के रास्ते से आया था।
इतना बढ़ा तेल
स्वेज नहर और होर्मुज में किसी भी तरह की रुकावट तेल की सप्लाई का बड़ा हिस्सा प्रभावित होगा। इन सब अटकलों के बीच तेल के बाजार पर इसका असर दिखाई देने लगा है। ईरान और इजराइल में तनाव की शुरुआत 1 अप्रैल को हुई थी। तब से अब तक क्रूड ऑयल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 90 डॉलर प्रति बैरल(भारतीय करंसी में 77,509.64) हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर तनाव कम नहीं हुआ तो तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल भी जा सकते हैं।