Pagal Babas temple is one of the religious and spiritual centers : वृंदावन के प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्रों में से एक है पागल बाबा का मंदिर। यह मंदिर इस बात का गवाह है कि प्रभु आज भी किसी न किसी रूप में आकर स्वयं अपने भक्तों की सहायता कर देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बाबा एक अदालत के जज थे। उनके सामने गरीब व्यक्ति का केस आया जिसमें स्वयं श्री बांके बिहारी जी एक बूढ़े व्यक्ति का रूप लेकर उस व्यक्ति की गवाही देने आए थे। जब बाबा को पता चला तो उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी और अध्यात्म में लीन हो गए और ऐसे लीला हुई कि उन्हें पागल बाबा कहा जाने लगा।
बाबा की अथक भक्ति व तपस्या
वृंदावन में कई सारे मंदिर मौजूद है जिनमें से एक मंदिर पागल बाबा का भी है। इस पागल बाबा के आश्रम से पहचाना जाता है। एक कथा के अनुसार पागल बाबा को एक दिव्य दर्शन प्राप्त हुआ था जिसमें उन्हें कृष्ण को समर्पित एक मंदिर बनाने का निर्देश दिया गया था। एक अन्य किंवदंती में उन्हें एक भटकते हुए तपस्वी के रूप में चित्रित किया गया है जो वृंदावन में बस गए और उनकी अथक भक्ति और तपस्या के माध्यम से उनके चारों ओर एक भव्य मंदिर बन गया। प्रातः यहां पर 7:00 से 12:00 बजे तक दर्शन किए जा सकते हैं और शाम के समय 3:00 बजे से लेकर 8:00 बजे तक खुला रहता है।
मंदिर की वास्तुकला व बनावट
पागल बाबा मंदिर की वास्तुकला और बनावट की बात करें तो यहां का वातावरण बहुत ही शांतिपूर्ण है। यहां पर बगीचे पेड़ और ध्यान करने के लिए कई सारी जगह मौजूद है। वृंदावन के सबसे अद्भुत मंदिरों में से एक है और 221 फीट ऊंची 9 मंजिला सफेद संगमरमर की इमारत के रूप में बना हुआ है। मुख्यमंत्री के ठीक सामने कुंड मौजूद है जिसे सुदेवी कुंड कहा जाता है। बाबा की पत्नी का नाम सुदेवी था इसलिए इसका नाम यही रखा गया है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसे ध्यान से देखने पर इसमें सभी धर्म की वास्तुकारिता की झलक देखने को मिलती है।
ऐसा है पागल बाबा का मंदिर
यह मंदिर 9 मंजिला है जिसमें प्रथम मंजिल पर राधा कृष्ण की सुंदर मूर्ति स्थापित है। इसके सामने छोटा सा मंदिर है जहां पर श्री लीला नंदन ठाकुर यानी पागल बाबा की तस्वीर रखी हुई है। दूसरी मंजिल पर श्री कृष्णा और बलराम जी का मंदिर है यहां पर सुंदर प्रतिमाएं दिखाई देती हैं। तीसरी मंजिल पर नदी यशोदा मंदिर है जहां दर्शन करते समय आप श्री कृष्ण को माता यशोदा की गोद में बैठा देख सकते हैं और बगल में नंद बाबा भी बैठे हैं। पांचवी मंजिल पर वामन अवतार मंदिर बना हुआ है। छठवीं मंजिल पर लक्ष्मी नारायण मंदिर मौजूद है जहां हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की सुंदर प्रतिमा है। सबसे ऊपर ओम मंदिर बना है जहां ओम की पूजन की जाती है।