Dr. Laxmi Gautam Angel of Vrindavan giving support and respect to destitute widows : वृन्दावन की सड़कों पर बेसहारा वृद्ध महिलाओं को ढूंढ़कर उन्हें रहने के लिए घर, पेट भरने के लिए खाना और जीवन यापन का सहारा देती हैं 60 वर्षीय लक्ष्मी गौतम। सड़क पर पड़े-पड़े ही अपने प्राण त्याग देने वालीं माताओं का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार भी वह खुद ही करती हैं। पेशे से एक कॉलेज प्रोफेसर, लक्ष्मी का फ़ोन हमेशा बजता रहता है, क्योंकि उन्हें दिन भर में बुज़ुर्गों को रेस्क्यू करने के लिए सैंकड़ों कॉल्स आती हैं। उनका मिशन सड़क पर रहने वाली कई बेसहारा महिलाओं के लिए जीवन यापन का सहारा बन चुका है। वह वृद्ध महिलाओं के लिए भोजन, दवाई और अच्छी ज़िंदगी जीने का ज़रिया प्रदान करने का नेक काम कर रही है।
सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार
अपनी संस्था, ‘कनक धारा’ के माध्यम से वह उन लोगों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार भी करती हैं जिनके आगे-पीछे कोई नहीं और वह सड़क पर पड़े-पड़े ही प्राण त्याग देते हैं और इसी वजह से शहर के लोग उन्हें ‘एंजल ऑफ़ वृन्दावन’ के नाम से भी बुलाते हैं।
मृत्यु के बाद बनती सहारा
विधवा हो जाने के बाद जिन महिलाओं के परिवार वाले भी उन्हें लाचार छोड़ देते हैं, और वे मोक्ष प्राप्ति की इच्छा में वृन्दावन की सड़कों पर रहतीं, भीख मांगती हैं; उनके जीवन का सहारा ही नहीं, बल्कि लक्ष्मी गौतम मृत्यु के बाद उनका सहारा भी बनती हैं।
समर्पित होना इनसे सीखे
अब तक वह ऐसी 1000 से ज़्यादा विधवाओं का विधि-विधान से अंतिम संस्कार कर चुकी हैं। इस काम में उनके समर्पण के कारण उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। इतना पढ़े-लिखे होने के बावजूद अपनी आरामदायक ज़िंदगी को छोड़ दूसरों के लिए समर्पित होना तो कोई इनसे सीखे।